चंद्रयान- 2 मिशन में ISRO को मंगलवार सुबह एक बड़ी सफलता हाथ लगी. चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम की स्पीड को कम करने के लिए चार सेकेंड के लिए उल्टी दिशा में चलने की पूर्व निर्धारित प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया. इस प्रक्रिया के जरिए लैंडर की स्पीड को कम किया जा रहा है ताकि वो असानी से चांद की सतह पर उतर सके. मंगलवार सुबह 8.50 बजे ये प्रक्रिया पूरी हो गई.

22 जुलाई को लांच हुआ था चंद्रयान- 2
चंद्रयान- 2 को 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया गया था. ISRO की जानकारी के मुताबिक 7 सितंबर को लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. लैंडर विक्रम की चाल बदलने की पहली प्रक्रिया सफल, अब बुधवार को दोबारा डी-ऑर्बिटिंग या लैंडर की चाल बदलने का काम किया जाएगा.
 
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा लैंडर
चंद्रयान- 2 के लैंडर की चाल को एक बार फिर से बदला जाना है. ये काम कल यानी 4 सितंबर को दोपहर लगभग 3.30 से 4.40 के बीच किया जाएगा. इस व्यवस्था को इस लिए लागू किया जा रहा है ताकि लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतर सके.
 
इसरो ने दी ये जानकारी
ISRO की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक लैंडर विक्रम में एक सेंट्रल इंजन और तीन सहायक इंजन लगे हैं. मंगलवार को जब विक्रम ने चार सेकंड के लिए चाल बदली तो उसके पीछे लगे इंजन में आग पैदा हुई. बुधवार को भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इस प्रक्रिया से चांद की सतह पर उतरना आसान हो जाएगा.