Chandrayaan 2 में ISRO ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को भी भेजा है. ये ऑर्बिटर के साथ वहां गए हैं. तीनों की पूरे मिशन में अहत जिम्‍मेदारी है. विक्रम लैंडर है, जो लैंडिंग करेगा और प्रज्ञान रोवर है, जिसके 6 पैर हैं. वह मून पर घूमेगा. वहीं ऑर्बिटर सैटेलाइट है जो चंद्रमा का चक्‍कर काट रही है. आज का दिन इसलिए खास है क्‍योंकि मध्‍य रात में 1:10 बजे के बाद कभी भी उतर सकता है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक लैंडिंग में सिर्फ 78 सेकंड लगेंगे. अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसके मिशन ने मून की सतह को छुआ.

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कुछ ऐसे बात की विक्रम-प्रज्ञान नेेे

1. विक्रम : हम कहां जा रहे हैं?

प्रज्ञान : चंद्रमा पर, हमारे वैज्ञानिकों को लगता है कि वहां भी मानव बस्‍ती बसाई जा सकती है.

2. विक्रम : यह धरती से कितनी दूर है?

प्रज्ञान : 4 लाख किमी दूर. यहां सबसे पहले नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग और बज एल्ड्रिन आए थे. हम मून के साउथ पोल पर उतरेंगे, जहां ज्‍यादा मिनरल और वाटर है.

3. विक्रम : जब पहले यहां लोग आ चुके हैं तो हमारा क्‍या काम?

प्रज्ञान : ISRO को लगता है कि हम यहां जो भी खोज करेंगे, उस जानकारी से वे चंद्रमा को और अच्‍छे ढंग से समझ पाएंगे. तुमको पता है कि अगर यह मिशन सफल रहा तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की. इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन चंद्रमा पर कदम रखने में सफल रहे हैं.

4. विक्रम : कितना खर्चा आया?

प्रज्ञान : सिर्फ 978 करोड़ रुपए. इतने बजट में हॉलीवुड की चर्चित मूवी 'Interstellar' बनी थी.

5. विक्रम : चंद्रमा के बारे में और बताओ? 

प्रज्ञान : चंद्रमा पर सौरमंडल के वातावरण के बारे में अच्‍छी जानकारी मिल सकती है. यहां का वातावरण काफी कुछ धरती से मिलता-जुलता है. हालांकि ग्रेविटेशनल फोर्स धरती के मुकाबले कम है, क्‍योंकि मून का वजन हल्‍का है. यहां धूल भी बहुत है. आंधी आती है तो बहुत धूल उड़ती है.