देश की प्रतिष्ठित अंतरिक्ष संगठन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को आखिरी घंटे में रोकना पड़ा. इसको रोके जाने का फैसला चंद्रयान-2 के लॉन्‍च व्‍हीकल सिस्‍टम में तकनीकी खामी पता लगते ही लिया गया. इसरो की ओर से भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग सुबह-सुबह 2:51 बजे श्रीहरिकोटा से होनी थी. इसरो की ओर से आधिकारिक बयान जारी करके इसकी लॉन्चिंग टलने की जानकारी दी गई है. 

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इसरो की ओर से कहा गया है कि प्रक्षेपण से 1 घंटे पहले लॉन्‍च व्‍हीकल सिस्‍टम में तकनीकी खामी सामने आई. इसलिए चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को टाल दिया गया है. जल्‍द ही इसके प्रक्षेपण की अगली तारीख का घोषणा की जाएगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिशन चंद्रयान-2 की उल्टी गिनती रविवार सुबह 6:51 बजे शुरू की थी. इसरो की ओर से चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण से करीब 56 मिनट 24 सेकेंड पहले ही इसकी लाइव स्‍क्रीनिंग रोक दी गई थी. इसके बाद इसकी लॉन्चिंग भी टाल दी गई.

चंद्रयान-2 को 44 मीटर लंबे और 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी-एमके 3) से लॉन्‍च किया जाना था. धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 लाख किलोमीटर है. अपनी उड़ान के लगभग 16 मिनट बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किंग में 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में रखना था. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे. लैंडर-विक्रम 6 सितंबर को चांद पर पहुंचना था.