चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति सतनाम सिंह संधू बने राज्यसभा के सदस्य, पीएम मोदी ने दी बधाई
Satnam Singh Sandhu Nominated For Rajya Sabha: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने श्री सतनाम सिंह संधू को राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया है. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर बधाई दी.
Satnam Singh Sandhu Nominated For Rajya Sabha: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने श्री सतनाम सिंह संधू को राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया है. प्रारंभिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करने के कारण चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर संधू एक कट्टर परोपकारी व्यक्ति बन गए, जिन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए लाखों छात्रों को वित्तीय मदद दी है.
पीएम मोदी ने पोस्ट कर दी बधाई
इस फैसले के बाद पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी. पीएम ने एक्स पर लिखा, मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने श्री सतनाम सिंह संधू जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है. मैं उन्हें उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी.
किसान के बेटे हैं सतनाम सिंह
सतनाम सिंह संधू एक किसान के बेटे हैं. जो आज भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं. शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने के बाद संधू ने 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज (सीजीसी) की नींव रखकर विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान के निर्माण को अपने जीवन का मिशन बनाया और फिर चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के गठन के साथ एक कदम आगे बढ़ाया. 2012 में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2023 में इसे एशिया के निजी विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान मिला.
देश के साथ विदेश में भी कमाया नाम
वह अपने दो गैर सरकारी संगठनों 'इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन' और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार और सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं. उन्होंने घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्रयासों से छाप छोड़ी है और विदेशों में प्रवासी भारतीयों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है.