चावलों की बढ़ती कीमतों पर सरकार का बड़ा एक्शन, गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगाई रोक
Non Basmati Rice Export Ban: देश में चवालों के बढ़ते दामों और महंगाई पर काबू करने के लिए सरकार ने गैर बासमती चावलों के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. जानिए क्या है सरकार के आदेश.
Non Basmati Rice Export Ban: देश में चावलों के बढ़ते दामों पर काबू पाने और महंगाई रोकने के लिए सरकार ने गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. सरकार के इस फैसले के साथ ही जी बिजनेस की खबर पर मुहर लग गई है. जी बिजनेस ने 19 जुलाई को ही खबर दिखाई थी. भारत सरकार ने एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव किया है. इसके तहत गैर बासमती चावल को 20 फीसदी की निर्यात ड्यूटी से छूट की कैटेगरी से हटाकर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित की श्रेणी में डाल दिया है.
Non Basmati Rice Export Ban: 11.5 फीसदी तक बढ़ी थी कीमतें
घरेलू बाजार में चावल की कीमतें लगातार बढ़ रही थी. पिछले महीने के मुकाबले चावल की रिटेल कीमतों में तीन फीसदी का ऊछाल आया है. वहीं, पिछले साल के मुकाबले 11.5 फीसदी कीमतें बढ़ी है. ऐसे में सरकार कई पाबंदियां लगाने का प्लान बना रही थी. फैसले में साफ कहा गया है कि 20 जुलाई तक जितने भी कंसाइनमेंट का ऑर्डर लिया जा चुका है या जो भी कंसाइनमेंट लोड हो चुके हैं सिर्फ उन कंसाइनमेंट को 31 अगस्त तक डिलीवरी की अनुमति होगी. इसके अलावा किसी भी नए कॉन्ट्रैक्ट्स की इजाजत नहीं होगी.
Non Basmati Rice Export Ban: भारत सरकार से लेनी होगी अनुमति
सरकारी आदेश के मुताबिक भारत सरकार के आदेश पर यदि किसी अन्य देश को गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट करना है तो इसकी जानकारी खुद देगी. वहीं, कोई भी नई डील के लिए भी भारत सरकार से अनुमति लेनी होगी. ये तभी किया जा सकता है जब उस देश की खाद्य सुरक्षा के लिए ये कदम जरूरी हो. नई फसल के बाद ही सरकार इस फैसले की समीक्षा करेगी. वहीं, सरकार दूसरे जरूरी कॉमोडिटी के साथ भी ऐसा फैसला कर सकती है.
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वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल से लेकर जून तक 15.54 LMT गैर बासमती चावल निर्यात कर चुका है. ये पिछले वर्ष के मुकाबले 35 फीसदी ज्यादा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में अप्रैल से जून तक 11.55 LMT गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट किया गया था. इसका कारण भू राजनीतिक परिस्थितियों के कारण अंतरराष्ट्रीय दामों में आया उछाल था.इसके अलावा अल नीनो और चावल उत्पादक देशों में खराब मौसम के कारण भी आयात बढ़ा था.