Pulses news: उपभोक्ता मामलों का विभाग (department of consumer affairs) दालों की पैदापार को बढ़ाने के लिए देश के किसानों का समर्थन करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. दालों (pulses) के बिना किसी अड़चने के आयात के लिए इम्पोर्टर को भी समर्थन दिया जाएगा ताकि 2023 के दौरान उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर दालें उपलब्ध हो सके. उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने गुरुवार को भारत में दाल संघों के साथ एक बैठक के दौरान यह बात कही.

उपलब्धता बेहतर होने की उम्मीद

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खबर के मुताबिक, सचिव ने कहा कि आने वाले वर्ष में म्यांमार से अपेक्षित पैदावार में बढ़ोतरी के साथ वैश्विक उपलब्धता बेहतर होने की उम्मीद है. यहां आवक शुरू हो गई है. अफ्रीकी देशों में भी दालों की बुवाई बड़े क्षेत्र में होने के संकेत से बेहतर पैदावार रहने की उम्मीद है. यह फसल अगस्त 2023 से उपलब्ध होगा. इससे दालों के आयात का फ्लो लगातार बना रहेगा जो उपलब्धता से संबंधित चिंताओं को दूर कर सकता है. सिंह ने दालों(pulses) के घरेलू उत्पादन और आयात विशेषकर अरहर, उड़द और मसूर दोनों के महत्व को दोहराया.

मीटिंग में शामिल हुए ये संघ

उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय की मीटिंग में इंडिया पल्स एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए), ओवरसीज एग्रो ट्रेडर्स एसोसिएशन (ओएटीए म्यांमार), ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन, तमिलनाडु पल्सेस इंपोर्टर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, आईग्रेन आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. भाग लेने वाले संघों के प्रतिनिधियों ने  कहा कि आयात नीति की निरंतरता ने भारत उपमहाद्वीप में आयात के रेगुलर फ्लो के लिए पूरे साल मूल्य को कंट्रोल में रखने में मदद की है.

कई सुझाव आए सामने

मीटिंग में घरेलू दालों की पैदावार में तेजी से बढ़ोतरी, बंदरगाह की मंजूरी, कुछ देशों पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए नए भौगोलिक क्षेत्रों की खोज, स्थिर नीति व्यवस्था का विस्तार आदि से संबंधित कई सुझाव दिए गए. उपभोक्ता मामलों का विभाग दाल (pulses) उद्योग की नब्ज का आकलन करने और आवश्यक नीतिगत उपाय शुरू करने के लिए भारत और प्रमुख निर्यातक देशों में दाल संघों के साथ नियमित बातचीत करता है.

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