जरा सोचिए, आपने कोई सामान या किसी सर्विस के लिए ऑर्डर बुक किया, लेकिन उसे बिना रिसीव किए आपको बिल थमा दिया जाए तो है न ये अजीब बात. सेंट्रल जीएसटी दिल्ली नॉर्थ कमीशनरेट ने ठीक ऐसा ही करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में दो लोगों जिनका नाम असरार अख्तर और विकास सिंह है को गिरफ्तार किया गया है. पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें इस मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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ये दोनों शख्स अपने साथियों के साथ 19 फर्जी फर्म चलाते हुए पाए गए हैं. ये फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के नाम पर ठगी कर रहे थे. ये लोग जाली बिल जारी करने का रैकेट चला रहे थे. पहली नजर में 25 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला पता चला जो 137 करोड़ रुपये की राशि के बिल पर इस्तेमाल किया गया. 

बतााय जा रहा है कि दिल्ली के आजादपुर स्थित एक परिसर से ये दोनों और इनके साथी सब्बन अहमद और आरिफ दिल्ली-एनसीआर में रजिस्टर्ड फर्म का फर्जी बिल जारी करने का गोरखधंधा चला रहे थे. इन लोगों के पास से फर्जी बिल, डायरी, लेटर हेड, जाली कंपनियों के रबर स्टाम्प, चेक बुक, ट्रांसपोर्टर कन्साइनमेंट नोट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं. इस मामले में इस बात की जांच चल रही है कि कहीं और कोई शख्स और जाली कंपनियां इसमें शामिल तो नहीं हैं.