LIC disinvestment: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) के विनिवेश को मंजूरी दे दी है. अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अगुवाई वाली एक समिति LIC में हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय करेगी. 

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ऐतिहासिक होगा LIC का IPO

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने LIC के IPO से पहले कंपनी का अंतर्निहित मूल्य (embedded value) निकालने के लिए बीमांकिक कंपनी (actuarial firm) मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को नियुक्त किया था. इसे भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा IPO बताया जा रहा है. 

किया गया है LIC एक्ट में संशोधन

LIC कानून में बजट संशोधनों को नोटिफाई कर दिया गया है और बीमांकिक कंपनी LIC के एम्बेडेड वैल्यू को तय करेगी. एम्बेडेड वैल्यू के तहत बीमा कंपनी के भविष्य के मुनाफे के मौजूदा मूल्य को उसके मौजूदा शुद्ध संपत्ति मूल्य में शामिल किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने पिछले सप्ताह LIC के IPO के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. साथ ही कहा कि विनिवेश पर वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा सरकार द्वारा हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय की जाएगी.

इस साल के अंत तक आ सकता है LIC का IPO

अधिकारी ने बताया कि LIC का IPO चालू वित्त वर्ष के अंत तक आ सकता है. LIC IPO के निर्गम आकार का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व रखा जाएगा. प्रस्तावित IPO के लिए सरकार पहले ही LIC एक्ट में जरूरी कानूनी बदलाव कर चुकी है. डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को आईपीओ पूर्व सौदे का सलाहकार नियुक्त किया गया है. LIC की सूचीबद्धता सरकार के चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस 1.75 लाख करोड़ रुपये में एक लाख करोड़ रुपये सरकारी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे. शेष 75,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के विनिवेश से आएंगे.