ऐप आधारित फ्रॉड के मामले में CBI का कड़ा एक्शन, देशभर में 30 स्थानों पर की गई छापेमारी
सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के जोधपुर, महाराष्ट्र के मुंबई, कर्नाटक में बेंगलुरु के साथ ही तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश में अनेक स्थानों पर तलाशी के दौरान, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद किए तथा बड़ी संख्या में ईमेल खातों का पता लगाया.
CBI ने 'एचपीजेड टोकन ऐप' से जुड़ी फर्जी निवेश योजना के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 स्थानों पर तलाशी ली है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सीबीआई का आरोप है कि इस योजना में जनता को आभासी 'क्रिप्टो-करेंसी माइनिंग मशीन रेंटल' में निवेश करने के लिए गुमराह किया गया. देशभर में CBI का तलाशी अभियान मंगलवार रात को समाप्त हो गया.
दो कंपनियों पर दर्ज किया गया मामला
अधिकारियों ने बताया कि दो निजी कंपनी 'शीगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड' और 'लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड' और उनके निदेशकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) 419, 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया.
इन राज्यों में की गई छापेमारी
सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के जोधपुर, महाराष्ट्र के मुंबई, कर्नाटक में बेंगलुरु के साथ ही तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश में अनेक स्थानों पर तलाशी के दौरान, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद किए तथा बड़ी संख्या में ईमेल खातों का पता लगाया.
सीबीआई का आरोप है ,"एचपीजेड एक ऐप-आधारित टोकन है जो लोगों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी के लिए 'माइनिंग मशीन' में निवेश करने से बड़े लाभ का वादा करता है...."
150 बैंक खातों का गलत इस्तेमाल
मामले की जांच में 150 बैंक खातों का पता चला है जिनका इस्तेमाल आरोपियों ने निवेशकों से धन इकट्ठा करने में किया.
CBI ने एक बयान में बुधवार को कहा कि भारत से अवैध रूप से बाहर भेजे जाने से पहले इस धन का इस्तेमाल शुरूआती तौर पर भरोसा जीतने के लिए किया जाता था. इन्हें अक्सर क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जाता था या हवाला लेनदेन के माध्यम से भेजा जाता था.