कार का एसी चला कर जांचा जाएगा माइलेज, आएगी नई तकनीक
आने वाले समय में कारों में ईंधन की खपत की सटीक जांच एयर कंडीशनर को चालू रखकर की जाएगी. कंपनी को भविष्य में बनने वाली कारों एवं अन्य वाहनों को एसी चालू करके ही माइलेज टेस्ट कराना होगा. इसी आधार पर कंपनी अपनी कार के माइलेज का दावा कर सकेगी.
आने वाले समय में कारों में ईंधन की खपत की सटीक जांच एयर कंडीशनर को चालू रखकर की जाएगी. कंपनी को भविष्य में बनने वाली कारों एवं अन्य वाहनों को एसी चालू करके ही माइलेज टेस्ट कराना होगा. इसी आधार पर कंपनी अपनी कार के माइलेज का दावा कर सकेगी. इस नियम से वाहन निर्माता कंपनियों पर गाड़ियों का माइलेज सुधारने के लिए नई तकनीक अपनाने का भी दबाव बढ़ेगा.
पर्यावरण मंत्रालय ने की सिफारिश
वन एवं पर्यावरणा मंत्रालय ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में इस नियम की सिफारिश की है. इस सिफारिश पर केंद्र सरकार काफी गंभीरता से काम कर रही है. आने वाले दिनों में यह नियम अधिसूचित किया जा सकता है. अभी कारों या वाहनों में प्रति किलोमीटर इंधन की खपत का जो आंकड़ा दिया जाता है वह एसी को बंद करके तैयार किया जाता है. जबकि बढ़ती गर्मी के चलते लोग एसी चला कर ही गाड़ी चलाते हैं. हिन्दी के अखबार हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
एसी चला कर जांचा जाएगा माइलेज
मंत्रालय का कहना है कि एसी बंद कर गाड़ी का माइलेज जांचने से गाड़ी के सही माइलेज की जानकारी नहीं मिल पाती है. ऐसे में कंपनियां वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का सही आंकड़ा देने से बच जाती हैं. ऐस में यह तय किया गया है कि अब गाड़ी के माइलेज की जांच एसी चला कर की जाएगी.
एयर कंडिशन की नई तकनीक पर होगा काम
रिपोर्ट के अनुसार वाहनों में एयर कंडीशनर को लेकर नई तकनीकों पर भी काम किए जाने की जरूरत है. ताकि इंधन की खपत को कम किया जा सके. विशेषज्ञों के अनुसार वाहनों के एसी में तकनीकी सुधार कर के इंधन की खपत में 30 फीसदी से अधि की कमी की जा सकती है.
कूलिंग एक्शन प्लान बनाया
पर्यावरण मंत्रालय ने कूलिंग एक्शन प्लान तैयार किया है. इसके जरिए ऊर्जा की खपत में कमी लाई जाएगी. इसके लिए जहां भी ईंधन की खपत और कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है उसको किया जाएगा.