ऑयल डिप्लोमेसी क्या तेल की महंगाई से राहत दिलाएगी? पेट्रोलियम मंत्री ने सऊदी अरब से भी की बात
India's oil diplomacy: भारत में पेट्रोल-डीजल के कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर चल रही हैं. राजधानी दिल्ली समेत देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल के भाव 100 रुपये/ लीटर के आंकड़े को पार गए हैं.
India's oil diplomacy: भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर चल रही हैं. राजधानी दिल्ली समेत देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल के भाव 100 रुपये/ लीटर के आंकड़े को पार गए हैं. ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड के ऊंचे दाम और घरेलू स्तर पर कोविड की चुनौतियों ने मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. केंद्र सरकार की तरफ से तेल की कीमतों पर काबू पाने के लिए अब ऑयल डिप्लोमेसी पर तेजी से काम हो रहा है. नए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को ऑयल एक्सपोर्टर देशों के संगठन (OPEC) के प्रमुख देश सऊदी अरब से बातचीत कर तेल के ऊंची कीमतों को लेकर भारत की चिंता से अवगत कराया.
पेट्रोमिलय मंत्रालय का कामकाज संभालने के बाद से ही हरदीप सिंह ने ऑयल डिप्लोमेसी तेज कर दी थी. पुरी ने इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में एनर्जी मिनिस्टर से बातचीत की थी. इसके अलावा, बीते शनिवार को उनकी बातचीत कतर के एनर्जी मिनिस्टर से भी बात हुई थी. पुरी ने सऊदी अरब के एनर्जी मिनिस्टर प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमान अल सऊद से बात की.
हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सऊदी अरब इंटरनेशनल एनर्जी मार्केट में एक अहम देश है. मैंने ग्लोबल ऑयल मार्केट को भरोसेमंद व हाइड्रोकार्बन को और अधिक किफायती बनाने के लिए सुल्तान अब्दुल अजीज के साथ काम करने की अपनी इच्छा जताई.’’ पुरी ने सऊदी मिनिस्टर के साथ अपनी बातचीत को सार्थक और मित्रतापूर्ण बताया.
ऑयल डिप्लोमेसी काम आएगी?
इस बीच, एक अहम सवाल यह भी है कि घरेलू बाजार में महंगे तेल की कीमतों पर काबू पाने के लिए क्या ऑयल डिप्लोमेसी का असर दिखाई देगा? पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने पिछले हफ्ते कतर के एनर्जी मिनिस्टर से बात की. वहीं बुधवार को उन्होंने यूएई में अपनी काउंटरपार्ट सुलतान अहमद अल जबर से बातचीत की. हालांकि, इस बारे में अभी कुछ कह पाना मुश्किल है कि ऑयल डिप्लोमेसी का कितना असर होगा. एनर्जी मामलों के जानकार मानते हैं कि ओपेक प्लस देशों की तरफ से प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर मीटिंग होती है और उसमें फैसला होता है, तो इंटरनेशल मार्केट में क्रूड नीचे आएगा. अभी तक साफ तौर पर कुछ संकेत नहीं मिले हैं. ऐसे में क्रूड को सपोर्ट मिलता रहेगा.
ओपेक, रूस और अन्य दूसरी पार्टनर प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर अभी तक किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. यह उम्मीद जताई जा रही थी कि ओपेक प्लस देश 5 लाख बैरल से 7 लाख बैरल रोजाना प्रोडक्शन बढ़ाएंगे. लेकिन यूएई की तरफ से हाथ पीछे खींच लिये जाने के बाद यह मीटिंग टल गई.
भारत क्रूड का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर
भारत पूरी दुनिया में क्रूड का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है. सऊदी अरब जैसे ओपेक देश इसके मुख्य ऑयल सोर्स रहे हैं. लेकिन, ओपेक और ओपेक प्लस देशों की तरफ से सप्लाई पर कटौती में राहत देने की मांग को अनदेखा किया जा रहा है. इसके चलते अपने क्रूड इम्पोर्ट की जरूरतों के लिए नए सोर्स की तरफ कदम बढ़ाया . इसके चलते ओपेक देशों से भारत का ऑयल इम्पोर्ट अप्रैल के 74 फिीसदी के मुकाबले मई में घटकर करीब 60 फीसदी रह गया.
जुलाई में 2.73 रुपये महंगा हुआ पेट्रोल
पेट्रोल-डीजल की कीमतों की बात करें तो सिर्फ जुलाई महीने में भाव राजधानी दिल्ली में 2.73 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं. राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई 2021 को पेट्रोल का भाव 98.81 रुपये प्रति लीटर था, जो 16 जुलाई को 101.54 रुपये प्रति लीटर पर दर्ज किया गया. इसी तरह, राजधानी में डीजल 1 जुलाई 2021 को 89.18 रुपये/ लीटर था, जोकि 16 जुलाई को 89.87 रुपये/लीटर रहा. इस तरह, देखा जाए तो पेट्रोल 2.73 रुपये और डीजल 0. 69 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है.
(इनपुट: पीटीआई)