Cabinet Decision: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उन सरकारी एजेंसियों जो या तो बंद हो रही हैं या बेचे जाने के कगार पर हैं, उनके सरप्लस लैंड और बिल्डिंग को मोनेटाइज करने के लिए एक नेशनल लैंड मोनेटाइजेशन कॉर्प (NLMC) की स्थापना को मंजूरी दे दी. 

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एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा है कि NLMC को 5,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक शेयर कैपिटल और 150 करोड़ रुपये की चुकता शेयर कैपिटल के साथ भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में स्थापित किया जाएगा.

सरप्लस लैंड को मोनेटाइज करेगी सरकार

इसमें कहा गया कि NLMC सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (CPSE) और अन्य सरकारी एजेंसियों की सरप्लस लैंड और बिल्डिंग संपत्तियों को मोनेटाइज करेगा.

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बताया गया कि सरकार अपनी गैर-प्रमुख संपत्तियों के मुद्रीकरण के साथ कम उपयोग और बिना उपयोग वाली संपत्तियों को मोनेटाइज करके रेवेन्यू उत्पन्न करेगी. वर्तमान में सीपीएसई के पास लैंड और बिल्डिंग के रूप में काफी सारे सरप्लस, अप्रयुक्त और कम उपयोग वाली गैर-प्रमुख संपत्तियां हैं.

रणनीतिक विनिवेश के लिए मददगार

कैबिनेट ने बताया, "रणनीतिक विनिवेश (strategic disinvestment) या बंद होने वाले CPSE के लिए, इन सरप्लस लैंड और गैर-प्रमुख संपत्तियों का मोनेटाइजेशन उनके मूल्य को अनलॉक करने के लिए महत्वपूर्ण है. NLMC इन संपत्तियों के मोनेटाइजेशन का समर्थन और कार्य करेगा."

प्राइवेट सेक्टर का होगा इन्वेस्टमेंट

कैबिनेट के इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर इन्वेस्टमेंट, नई इकोनॉमिक एक्टिविटी, स्थानीय इकोनॉमी को बढ़ावा देने और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्तीय संसाधन उत्पन्न करने के लिए इन कम उपयोग की गई संपत्तियों के उत्पादक उपयोग को भी सक्षम करेगा.