कैबिनेट बैठक: टेलीकॉम सेक्टर को सरकार की तरफ से बड़ी राहत, AGR बकाया भुगतान को मिली मोहलत
Big Relief to Telecom Sector: मंत्रिमंडल ने बुधवार को टेलीकॉम सेक्टर को बड़ी राहत दी है. टेलीकॉम कंपनियों को अपना AGR बकाया भुगतान करने के लिए 4 साल का समय दिया गया है.
Big Relief to Telecom Sector: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में टेलीकॉम सेक्टर को बड़ी राहत मिली है. मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम सेक्टर के लिए एक राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है. इस राहत पैकेज में टेलीकॉम कंपनियों को AGR बकाया के भुगतान पर चार साल की मोहलत दी गई है. इसक अलावा ऑटोमैटिक रूट से आने वाले टेलीकॉम सेक्टर में 100 फीसदी विदेशी निवेश को भी मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट द्वारा बुधवार को लिए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए, दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए नौ संरचनात्मक सुधारों (Structural Reforms) को मंजूरी दी गई है.
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AGR परिभाषा में किया बदलाव
मंत्रिमंडल ने AGR की परिभाषा को भी और युक्तिसंगत बनाया है. AGR परिभाषा को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है, जिसके लिए सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों के गैर दूरसंचार राजस्व (non-telecom revenue) को इससे बाहर कर दिया है.
टेलीकॉम सेक्टर में AGR उस राजस्व को संदर्भित करता है, जो कंपनियों के लिए वैधानिक देय राशि (statutory dues) के भुगतान के लिए माना जाता है.
100 फीसदी FDI को मिली मंजूरी
मंत्री ने कहा कि स्वचालित मार्ग से टेलीकॉम सेक्टर में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. उन्होंने बताया कि AGR बकाया और स्पेक्ट्रम बकाया पर कैबिनेट ने चार साल की मंजूरी दी है.
पहले से ही संकट में घिरी टेलीकॉम इंडस्ट्री को इन उपायों से कैश फ्लो की दिक्कतों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.
स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज में बदलाव
इसके अलावा, कैबिनेट ने कहा कि स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज को युक्तिसंगत बनाया जाएगा और अब मासिक के बजाय दरों की वार्षिक चक्रवृद्धि होगी. वहीं अब स्पेक्ट्रम को सरेंडर किया जा सकता है और टेलीकॉम कंपनियों द्वारा साझा भी किया जा सकता है.
सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों की इस महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में अधिक निश्चितता देने के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी का कैलेंडर बनाने का भी निर्णय लिया था. आमतौर पर नीलामी किसी वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में की जा सकती है.