Budget 2024: रेस्त्रां सेक्टर ने सरकार के सामने रखी अपनी मांगें; इनपुट टैक्स क्रेडिट समेत इन मुद्दों पर रखा प्रस्ताव
Budget 2024 Latest Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का यूनियन बजट पेश कर सकती हैं. वित्त मंत्रालय बजट का ब्लूप्रिंट बनाने को लेकर तैयारी कर रहा है. ऐसे में कई सेक्टर और क्षेत्र वित्त मंत्रालय से आगामी बजट को लेकर अपनी मांग रख रहे हैं.
Budget 2024 Latest Update: जनवरी का महीना अब खत्म होने को है और अगला महीना यानी कि फरवरी देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा. 1 फरवरी 2024 को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का यूनियन बजट पेश कर सकती हैं. वित्त मंत्रालय बजट का ब्लूप्रिंट बनाने को लेकर तैयारी कर रहा है. ऐसे में कई सेक्टर और क्षेत्र वित्त मंत्रालय से आगामी बजट को लेकर अपनी मांग रख रहे हैं. इसी सिलसिले में रेस्त्रां सेक्टर के निकाय NRAI ने आगामी आम बजट से पहले सोमवार को सरकार से रेस्टॉरेंट्स के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) व्यवस्था बहाल करने की मांग की है. इसके अलावा जीएसटी को लेकर भी संस्था ने कुछ मांग रखी है.
GST दर को भी बढ़ाने का प्रस्ताव
साथ ही NRAI ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का आग्रह किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) ने एक न्यायसंगत और निष्पक्ष ई-कॉमर्स नीति का आह्वान करते हुए कहा कि संबंधित पक्षों को एकसमान अवसर देने के लिए संतुलित नीतियों और नियमों की जरूरत है.
ऐसा रेस्तरां, आपूर्ति मंचों एवं साझेदारों और उपभोक्ताओं को संभावित हानि पहुंचाने वाली प्रथाओं से सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है. एनआरएआई ने बयान में कहा कि रेस्तरां उद्योग महामारी के दौरान सबसे अधिक नुकसान उठाने वाले क्षेत्रों में से एक था. लेकिन उसने काफी मजबूती दिखाई और आज यह लगातार पुनरुद्धार की राह पर है.
ITC व्यवस्था बहाल करने की मांग
एनआरएआई ने कहा कि अगर इस क्षेत्र को आगामी बजट में एक निश्चित मात्रा में नीतिगत एवं बजटीय समर्थन मिलता है तो यह क्षेत्र को विकास की तीव्र गति देगा. उद्योग निकाय ने सरकार से रेस्तरां के लिए आईटीसी व्यवस्था बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि यह इकलौता ऐसा उद्योग है जिसपर आईटीसी की सुविधा न होते हुए भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है. आईटीसी का अभाव न केवल व्यवसाय के परिचालन मार्जिन को घटाता है बल्कि एक नई परियोजना के लिए पूंजी बजट भी बढ़ जाता है.