Budget 2022: वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को आम बजट 2022-23 पेश कर सकती हैं. बजट टीम इसकी तैयारियां जोरों से कर रही है. देश का बजट आमतौर पर वित्‍त मंत्री ही पेश करते हैं. लेकिन, आजादी के बाद से अबतक तीन ऐसे भी मौके आए हैं, जब देश के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया है. इस लिस्‍ट में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (PM Rajiv Gandhi) का भी नाम है. तत्‍कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1987-88 का बजट पेश किया था. इस समय उनके पास वित्‍त मंत्री का पोर्टफोलियो था. इस बजट में राजीव गांधी ने मिनिमम कॉरपोरेट टैक्‍स, जिसे बाद में MAT (मिनिमम अल्‍टरनेट टैक्‍स) कहा गया, का प्रस्‍ताव पेश किया था. 

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मिनिमम कॉरपोरेट टैक्स को विस्तार से यहां समझें:

क्‍यों लाया गया मिनिमम कॉरपोरेट टैक्‍स

बतौर वित्‍त मंत्री राजीव गांधी ने 1987-88 के लिए आम बजट पेश किया. राजीव गांधी ने बजट 1987 में पहली बार मिनिमम कॉरपोरेट टैक्‍स का प्रस्‍ताव पेश किया. इसे बाद में मिनिमम अल्‍टरनेट टैक्‍स (MAT) का गया था. इस मिनिमम कॉरपोरेट टैक्‍स के तहत कंपनी की तरफ से घोषित प्रॉफिट का 30 फीसदी टैक्‍स देने का प्रावधान किया गया था. राजीव गांधी ने इससे 75 करोड़ रुपये अतिरिक्‍त रेवेन्‍यु हासिल होने का अनुमान लगाया था. इस टैक्‍स को लगाने का मकसद ज्‍यादा मुनाफे वाली कंपनियों को टैक्‍स नेट के दायरे में लाना था, जोकि कानूनी आड़ लेकर इनकम टैक्‍स देने से बच रही थी.

फॉरेन एक्‍सचेंज पर लगाया था टैक्‍स 

राजीव गांधी ने विदेशी यात्रा के लिए भारत में जारी वाले फॉरेन एक्‍सचेंज पर 15 फीसदी की दर से टैक्‍स लगाने का प्रावधान किया था. इससे सरकार ने 60 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त रेवेन्‍यू का अनुमान जताया था.इसके अलावा  राजीव गांधी ने 24,622 करोड़ रुपए केंद्रीय आउटले (खर्च) प्‍लान पेश किया. इसमें से 14,923 करोड़ रुपये का प्‍लान बजटीय सपोर्ट के जरिए रखा गया. राजीव गांधी ने बतौर वित्‍त मंत्री ने डिफेंस के लिए 1987-88 में 12,512 करोड़ रुपये और नॉन प्‍लान खर्च के लिए 39,233 करोड़ रुपये के आकलन पेश किया था.