Video: इस भारतीय प्रधानमंत्री ने बजट में लगाया था 'गिफ्ट टैक्स', बेहद खास थी वजह
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को आम बजट 2022-23 पेश कर सकती हैं. आजादी के बाद ऐसे तीन मौके आए हैं, जब देश के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया है.
आजादी के बाद से अबतक तीन ऐसे भी मौके आए हैं, जब देश के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया.
आजादी के बाद से अबतक तीन ऐसे भी मौके आए हैं, जब देश के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया.
Budget 2022: बजट 2022 आगामी 1 फरवरी को देश के सामने आ सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की टीम बजट की तैयारियां जोरों से कर रही है. देश का बजट आमतौर पर वित्त मंत्री ही पेश करते हैं. लेकिन, आजादी के बाद से अबतक तीन ऐसे भी मौके आए हैं, जब देश के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया है. इस लिस्ट में पहला नाम भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (PM Jawaharlal Nehru) का है. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1958-59 का बजट पेश किया था. इस समय उनके पास वित्त मंत्री का पोर्टफोलियो था. इस बजट में वित्त मंत्री पोर्टफोलियो देख रहे नेहरू ने पहली बार डायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत उपहार यानी गिफ्ट पर टैक्स का प्रावधान पेश किया था. इसे 'गिफ्ट टैक्स' (Gift Tax) कहा गया.
क्या था गिफ्ट टैक्स (Gift Tax)?
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1958-59 का बजट पेश किया था. इस बजट में जवाहरलाल नेहरू ने डायरेक्ट टैक्स के तहत पहली बार गिफ्ट पर टैक्स का प्रावधान पेश किया. इसे ‘गिफ्ट टैक्स’ कहा गया. इसमें 10 हजार रुपये से ज्यादा की संपत्ति के ट्रांसफर पर गिफ्ट टैक्स का प्रावधान किया गया. इसमें एक छूट यह दी गई थी कि पत्नी को 1 लाख रुपये तक के गिफ्ट देने पर टैक्स का प्रावधान नहीं था.
यहां समझें गिफ्ट टैक्स का पूरा इतिहास
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नेहरू क्यों लाए थे गिफ्ट टैक्स
गिफ्ट टैक्स का प्रस्ताव पेश करते हुए बजट स्पीच में नेहरू ने कहा था, ''गिफ्ट के जरिए अपने संबंधियों का परिजनों को संपत्तियों का ट्रांसफर न केवल एस्टेट ड्यूटी की चोरी करने बल्कि वेल्थ टैक्स, इनकम टैक्स और एक्पेंडिचर टैक्स बचाने का भी जरिया है.'' उस समय अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इस तरह के टैक्स प्रावधान थे.
बजट 1958-59 में 278 करोड़ का था रक्षा बजट
इनडायरेक्ट टैक्स के तहत जवाहरलाल नेहरू ने एक्साइज ड्यूटी में एक बड़ा बदलाव किया था. इसके तहत सीमेंट पर एक्साइज ड्यूटी 20 रुपये से बढ़ाकर 24 रुपए प्रति टन की गई थी. नेहरू ने 1958-59 के लिए 763.16 करोड़ रुपये के रेवेन्यू और 796.01 करोड़ रुपये के खर्च का इस्टिमेट पेश किया गया. रेवेन्यू अकाउंट में 32.85 करोड़ रुपए का डेफिसिट था. बजट 1958-59 में डिफेंस खर्च के लिए 278.14 करोड़ रुपए का इस्टिमेट रखा गया. जबकि 517.87 करोड़ रुपये का प्रावधान सिविल खर्चों के लिए रखा गया.
11:24 AM IST