Broken Rice Export: 30 नवंबर तक किया जा सकेगा ब्रोकन राइस का एक्सपोर्ट, सरकार ने दी मंजूरी
Broken Rice Export: ब्रोकन राइस एक्सपोर्ट पर DGFT ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कस्टम को सुपुर्द, बिलिंग वेरिफिकेशन हो सकने वाले कंसाइनमेंट शामिल है.
Broken Rice Export: सरकार ने ब्रोकन राइस (Broken Rice) के एक्सपोर्ट के लिए अब 30 नवंबर तक की मंजूरी दी है.ब्रोकन राइस एक्सपोर्ट पर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस मुताबिक, 30 नवंबर, 2022 तक के सभी कंसाइनमेंट को मंजूरी दी गई है. इसमें कस्टम को सुपुर्द, बिलिंग वेरिफिकेशन हो सकने वाले कंसाइनमेंट शामिल है. CFS को सुपुर्द कंसाइनमंट को तत्काल प्रभाव से एक्सपोर्ट करने की मंजूरी मिली है.
कहां इस्तेमाल होता है Broken Rice
बता दें कि टूटे हुए चावल यानी ब्रोकन राइस का इस्तेमाल शराब बनाने, एथेनॉल बनाने और पॉल्टी व एनिमल इंडस्ट्री में होता है. केंद्र सरकार ने देश में चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए Broken Rice के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया था. चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है. चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है.
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क्यों बैन हुआ टूटे चावल का एक्सपोर्ट?
टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह बहुत बड़े पैमाने पर टूटे चावल की खेप बाहर भेजी जा रही थी. इसके अलावा पशु चारे के लिए भी समुचित मात्रा में टूटा चावल उपलब्ध नहीं है. इसका इस्तेमाल एथनॉल में मिलाने के लिए भी किया जाता है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 38.9 लाख टन टूटे चावल का निर्यात किया था जो वर्ष 2018-19 के 12.2 लाख टन की तुलना में बहुत अधिक है.
चीन के बाद चावल उत्पादन में दूसरे स्थान पर मौजूद भारत इस खाद्यान्न के वैश्विक व्यापार में 40% हिस्सेदारी रखता है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था जिसमें से 39.4 लाख टन बासमती किस्म का चावल था.
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10:37 PM IST