प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर को रूस का दौरा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री ग्रुप मेंबर्स के नेताओं और अन्य आमंत्रितों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. यह इस साल प्रधानमंत्री मोदी की रूस की दूसरी यात्रा है. बता दें कि ग्रुप के नौ सदस्यों तक विस्तार होने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है.

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मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इस साल दक्षिण अफ्रीका में 2023-समिट में सदस्यता की पेशकश के बाद ग्रुप में शामिल हुए थे. अर्जेंटीना और सऊदी अरब को भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन सरकार बदलने के बाद अर्जेंटीना ने मना कर दिया, जबकि सऊदी अरब ने अभी तक जवाब नहीं दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर को रूस की यात्रा करेंगे. वे वहां रूस की अध्यक्षता में कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. 

शिखर सम्मेलन का विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है. यह आयोजन नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा. बयान में कहा गया कि शिखर सम्मेलन ब्रिक्स द्वारा शुरू की गई पहलों का आकलन करने और भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का एक मूल्यवान अवसर होगा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और कजान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव के अनुसार, कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 24 देशों के नेता और कुल 32 देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे, जिससे यह रूस में अब तक का सबसे बड़ा विदेश नीति कार्यक्रम बन जाएगा. मुख्य ब्रिक्स मीटिंग के अलावा, 'ब्रिक्स+' फॉर्मेट में 'ब्रिक्स और ग्लोबल साउथ: मिलकर विश्व के भविष्य का निर्माण', विषय पर बैठकें होंगी. इसमें एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल होंगे.