पटना में परिवहन विभाग ने नया प्रयोग करते हुए गाड़ियों का चालान एक खास किस्म की डिवाइस हैंड हेल्ड से करने का फैसला किया है. इसकी औपचारिक शुरुआत पटना के 8 जगहों से की गई. धीरे-धीरे बिहार के सभी जिलों में हैंड हेल्ड से ही गाड़ियों का चालान काटा जाएगा. हैंड हेल्ड वह डिवाइस या तकनीक है जिसके जरिए गाड़ियों का सिर्फ नंबर डालने पर ही पूरी जानकारी ट्रैफिक पुलिस के सामने होगी. हैंड हेल्ड डिवाइस से ही चालान काटा जाता है, जिससे निकली रसीद में जुर्माने का जिक्र होता है. 

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पटना जैसे शहरों में यातायात नियमों का उल्लंघन कोई बड़ी बात नहीं है. कई बार परिवहन विभाग ने विशेष अभियान के जरिए यातायात नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई की लेकिन, उसका खास असर नहीं हुआ. जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को हैंड हेल्ड डिवाइस की ट्रेनिंग दी गई.

पटना के ट्रैफिक एसपी अजय कुमार पांडेय के मुताबिक, हैंड हेल्ड डिवाइस अब यातायात नियमों के तोड़ने वालों को सबक सिखाने का काम करेगी. 

क्या है हैंड हेल्ड डिवाइस

दरअसल हैंड हेल्ड एक ऐसी डिवाइस है जिसमें सिर्फ गाड़ी का नंबर डालने पर पूरी जानकारी प्रशासन के सामने होगी. मसलन, गाड़ी के मालिक ने कितनी बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है. गाड़ी का बीमा है या नहीं, प्रदूषण जांच के प्रमाण पत्र हैं या नहीं, गाड़ी परमिट के साथ चल रही है या नहीं, याफिर गाड़ी चोरी की है या फिर असली. ये सारी जानकारी हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से मिलेंगी.

कार्ड स्वैप करके भर सकेंगे जुर्माना

हैंड हेल्ड डिवाइस से गाड़ी की चैंकिंग के दौरान पिछली बार किन नियमों का उल्लंघन वाहन मालिक ने किया था ये भी पता लग सकेगा. चेकिंग के दौरान दोबारा पकड़े जाने पर इसी हैंड हेल्ड डिवाइस से जुर्माने की रकम दोगुनी हो जाएगी. परिवहन विभाग हर तरह के जुर्माना वसूली इस हैंड हेल्ड डिवाइस से कर सकेगा. ये हैंड हेल्ड डिवाइस कोर बैंकिंग से जुड़ा है. अगर पकड़े गए वाहन मालिक के पास पैसे नहीं हैं तो वो अपना डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वैप कर जुर्माना चुका सकेगा.

(पटना से प्रीतम कुमार की रिपोर्ट)