दुश्मन को धूल चटाने के लिए भारत अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है. इस कड़ी में आज मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर (Chandipur) से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Cruise missile) का सफल परीक्षण किया गया. सतह से सतह पर मार करने में सक्षम मिसाइल का परीक्षण सफल रहा. परीक्षण सभी मापदंडों पर खरा रहा. ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकता है. मिसाइल की स्पीड आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक है.

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जमीन पर मार करने में सक्षम इस मिसाइल का मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से सुबह करीब साढ़े आठ बजे चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range) में लांच कॉम्प्लेक्स-3 से परीक्षण किया गया. BrahMos का पहला परीक्षण भी 12 जून, 2001 में चांदीपुर में ही किया गया था.

ब्रह्मोस मिसाइल मध्यम दूरी तक मार करने वाली रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (supersonic cruise missile) है जिसे पनडुब्बी, जहाज, लड़ाकू विमान अथवा जमीन से लांच किया जा सकता है.

ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है. यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की तकनीक पर आधारित है.

ब्रह्मोस की ताकत-

- यह हवा में ही रास्त बदल सकती है और चलते-फिरते टारगेट को भी भेद सकती है.

- इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी प्रक्षेपक से दागा जा सकता है.

- यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है.

- यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती.

- यह रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है. इसको मार गिराना लगभग असम्भव है.

- ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से अटैक कर सकती है.

- आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है.

- यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है.