Booker Prize: गीतांजलि श्री की 'Tomb of Sand' ने जीता बुकर, पहली भारतीय भाषा की किताब को मिला यह सम्मान
Booker prize 2022: भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री (Geetanjali Shree) की किताब Tomb of Sand ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता. ऐसा करने वाली यह पहली भारतीय भाषा की किताब है.
Booker Prize 2022: लेखिका गीतांजलि श्री (Geetanjali Shree) का हिंदी उपन्यास 'Tomb of Sand' ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize) जीता. यह ऐसा करने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली किताब है. गुरुवार को लंदन में एक समारोह में लेखिका गीतांजलि श्री ने कहा कि वह पूरी तरह से अभिभूत हैं. उन्होंने यह पुरस्कार किताब की अंग्रेजी अनुवादक डेजी रॉकवेल (Daisy Rockwell) के साथ साझा किया. बुकर पुरस्कार के साथ किताब को 50,000 पाउंड की राशि भी मिलेगी, जिसे लेखिका और अनुवादक के बीच बांटा जाएगा.
रेत समाधि का अनुवाद
टॉम्ब ऑफ सैंड (Tomb of Sand) मूलत: गीतांजलि की पुस्तर रेत समाधि की पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद है जो एक 80 वर्षीय महिला की कहानी है. श्री ने बुकर पुरस्कार लेते हुए कहा कि मैने कभी बुकर का सपना नहीं देखा था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मै यह कर सकती हूं. कितना बड़ा सम्मान है, मैं चकित, प्रसन्न, सम्मानित और विनम्र हूं.
उदासी भरा संतोष
उन्होंने आगे कहा कि इस पुरस्कार (Booker Prize 2022) में एक उदासी भरा संतोष है. रेत समाधि (Tomb of Sand) उस दुनिया के लिए एक शोकगीत है, जिसमें हम निवास करते हैं. एक स्थायी ऊर्जा है, जो कयामत के सामने आशा बनाए रखती है. बुकर निश्चित रूप से इसे कई और लोगों तक पहुंचाएगा.
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भारतीय साहित्य को लेकर कही ये बात
बुकर (Booker Prize 2022) जीतने वाली पहली हिंदी कृति बनने पर विचार करते हुए 64 वर्षीय लेखिका गीतांजलि श्री (Geetanjali Shree) ने कहा कि ऐसा होने का माध्यम बनना अच्छा लगता है. लेकिन मेरे और इस पुस्तक के पीछे हिंदी और अन्य दक्षिण एशियाई भाषाओं की समृद्ध और समृद्ध साहित्यिक परंपरा है. इन भाषाओं के कुछ बेहतरीन लेखकों को जानने से विश्व साहित्य अधिक समृद्ध होगा. इस तरह के मेलजोल से जीवन की शब्दावली बढ़ेगी.