Election Commission Shiv Sena: निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को असली शिवसेना (Shiv Sena) के रूप में मान्यता दी और उसे 'तीर-कमान' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया. शिव सेना पार्टी पर नियंत्रण के लिए चली लंबी लड़ाई के बाद 78 पन्नों के अपने आदेश में, इलेक्शन कमीशन ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक "मशाल" चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी. 

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आयोग ने कहा कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे.

बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा की जीत: शिंदे 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शुक्रवार को चुनाव आयोग द्वारा उनके गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले को बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा की जीत बताया. उन्होंने आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं. लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है." 

शिंदे ने कहा, "यह बालासाहेब की विरासत की जीत है. हमारी शिवसेना वास्तविक है." उन्होंने कहा, "हमने बालासाहेब के विचारों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल महाराष्ट्र में (भाजपा के साथ) सरकार बनाई."

संजय राउत ने बताया लोकतंत्र की हत्या

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता देने का निर्वाचन आयोग का फैसला "लोकतंत्र की हत्या" है. राउत ने कहा कि उनकी पार्टी "लोगों के पास जाएगी." राज्यसभा सदस्य ने कहा कि निर्वाचन आयोग का फैसला उम्मीद के मुताबिक था और उन्हें आयोग पर भरोसा नहीं था.

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