1 जुलाई 2024 से खत्म हो जाएगी IPC, लागू होंगे तीनों नए अपराधिक कानून, केवल एक धारा नहीं होगी प्रभावी
Bhartiya Nyay Sanhita: संसद द्वारा 21 दिसंबर 2024 को भारतीय न्याय संहिता को पारित कर दिया था. अब भारतीय न्याय संहिता 1 जुलाई 2024 से IPC, CRPC और एविडेंस एक्ट की जगह लेगी.
Bhartiya Nyay Sanhita: भारतीय न्याय संहिता विधेयक को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन कानून को अपनी सहमति दे दी. भारतीय न्याय संहिता सैकड़ों साल से चल रहे इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह लेगा. अब गृह मंत्रालय ने भारतीय न्याय संहिता की अधिसूचना जारी कर दी है. 1 जुलाई 2024 से देश में या कानून भारतीय न्याय संहिता लागू होगा. इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम भी 1 जुलाई 2024 से लागू होगा.
Bhartiya Nyay Sanhita: ये धारा एक जुलाई 2024 से नहीं होगी लागू, ट्रक ड्राइवर्स ने की थी हड़ताल
भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 का उप धारा 2 को लेकर काफी विवाद हुआ था. इसके तहत हिट एंड रन पर अगर गाड़ी ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा होगी. इसके अलावा भारी जुर्माना वसूला भी जाएगा. इसके बाद ट्रक ड्राइवर्स ने हड़ताल कर दी थी. हालांकि, सरकार ने ट्रक और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को आश्वासन दिया था कि इसके लिए विशेष चर्चा होगी . अब सरकार ने साफ किया है कि ये कानून 1 जुलाई से लागू नहीं होगा.
Bhartiya Nyay Sanhita: आईपीएसी, CRPC और 1872 भारतीय साक्ष्य अधिनियम के लेंगे जगह
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी तीन अधिसूचनाओं के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान एक जुलाई से लागू होंगे. ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है. गौरतलब है कि 11 अगस्त 2023 को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय सभ्यता विधायक 2023 पेश किया था.
Bhartiya Nyay Sanhita: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में होगी 531 धाराएं, बदली गई 177 धाराएं
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अब 531 धाराएं रहेंगी, 177 धाराओं को बदल दिया गया है, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 14 धाराओं को निरस्त किया गया है. भारतीय न्याय संहिता, जो IPC को रिप्लेस करेगी, में पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 358 धाराएं होंगी, 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सज़ा रखी गई है, 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रखा गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है.