Bharat Ratna: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर उन्हें भारत रत्न (Bharat Ratna 2024) से सम्मानित किया. इस मौके पर राष्ट्रपतिके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद हैं.

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इस साल किसे-किसे मिला भारत रत्न

इस साल देश की पांच विभूतियों को भारत सरकार उनके अतुलनीय योगदान के लिए भारत रत्‍न (Bharat Ratna) से सम्‍मानित किया है. सम्‍मानित होने वालों में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का नाम शामिल है. इनमें से सिर्फ आडवाणी को छोड़कर बाकी सभी को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा.

किन्‍हें दिया जाता है भारत रत्‍न

देश का सर्वोच्‍च सम्मान भारत रत्‍न कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल आदि किसी भी क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है, जिससे देश का गौरव बढ़ा हो. साल 2011 से पहले भारत रत्‍न का सम्‍मान सिर्फ कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा क्षेत्र में अतुलनीय योगदान को देखते हुए दिया जाता था, लेकिन 2011 में इसमें संशोधन किया गया. अब इसके लिए कोई क्षेत्र निर्धारित नहीं है.

 

देश में भारत रत्‍न पाने वाले व्‍यक्ति को कोई राशि नहीं दी जाती, लेकिन उसे राज्‍य अतिथि का सम्‍मान दिया जाता है. वो जिस राज्‍य में भी जाता है, वहां राज्‍य अतिथि के तौर पर उनका स्‍वागत किया जाता है और परिवहन, बोर्डिंग और राज्य में ठहरने की सुविधा दी जाती है. ऐसे व्‍यक्ति विशेष को अहम सरकारी कार्यकर्मों में शामिल होने का निमंत्रण भारत सरकार की ओर से दिया जाता है. नियमानुसार विस्‍तारित सुरक्षा मिलती है और सरकार उन्‍हें वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है. 

भारत रत्‍न के लिए चुनने की प्रक्रिया

भारत रत्न सम्मान के लिए चुने जाने की प्रक्रिया पद्म पुरस्कारों से अलग होती है. भारत रत्न पुरस्कार किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के अधीन नहीं है. इसमें देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर सकते हैं. इसके अलावा, मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को सिफारिशें भेज सकते हैं. इन सिफारिशों पर विचार किया जाता है और अंतिम मंजूरी के लिए राष्‍ट्रपति के पास भेजा जाता है. राष्‍ट्रपति की स्वीकृति के बाद इस पुरस्‍कार के लिए नाम फाइनल होता है.