बासमती चावल की इस साल होगी बंपर पैदावार, धान का रकबा 36 प्रतिशत बढ़ा
Basmati rice: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से 27 सितंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ सीजन में देश में धान का रकबा 382 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल इस अवधि में 387 लाख हेक्टेयर था.
धान का रकबा चालू फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दौरान 83 जिलों में पिछले साल के मुकाबले 36 फीसदी बढ़ा है जबकि धान (बासमती छोड़कर अन्य धान की वेरायटीज) के रकबे में 6.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अनुमान है कि इस साल देश में बासमती चावल का प्रोडक्शन काफी अच्छा होगा. यह जानकारी नेशनल कोलेटेरल मैनेजमेंट सर्विसेस द्वारा करवाए गए एक सर्वे से मिली है. यह सर्वे कृषि और प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत आने वाले बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा करवाया गया था.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से 27 सितंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ सीजन में देश में धान का रकबा 382 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल इस अवधि में 387 लाख हेक्टेयर था. मगर, NCML द्वारा चुने गए 83 जिलों में करवाए गए सर्वे के अनुसार, चालू खरीफ सीजन में धान का अनुमानित रकबा 62,04,000 हेक्टेयर है जोकि पिछले साल के 58,25,000 हेक्टेयर से 6.5 फीसदी अधिक है.
सर्वे के अनुसार, बासमती धान का रकबा इन 83 जिलों में 36 फीसदी बढ़ा है जिसमें सबसे ज्यादा वृद्धि उत्तर प्रदेश में हुई और उसके बाद हरियाणा में बासमती का रकबा बढ़ा है. बासमती के कुल रकबे में हरियाणा को योगदान 42 फीसदी, जबकि पंजाब का 29 फीसदी और उत्तर प्रदेश का 24 फीसदी है.
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उत्तर प्रदेश में बासमती का रकबा 92.8 फीसदी बढ़ा है जबकि हरियाणा में 42.5 फीसदी, हिमाचल प्रदेश में 24.1 फीसदी और उत्तराखंड में 14.6 फीसदी. वहीं, पंजाब में बासमती का रकबा 8.4 फीसदी बढ़ा है जबकि जम्मू-कश्मीर में चार फीसदी घटा है.