Bangladesh Army Rule: बांग्लादेश की सेना ने शेख हसीना सरकार का तख्तापलट कर दिया है. जिसके बाद शेख हसीना को न सिर्फ प्रधानमंत्री के पद से इस्‍तीफा देना पड़ा, बल्कि देश को छोड़कर भी जाना पड़ा. अब बांग्‍लादेश में अंतरिम सरकार वहां का कार्यभार संभालेगी. लेकिन क्‍या आपको पता है कि बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले साल 1975 में भी वहां ऐसा हुआ था. उस तख्‍तापलट के दौरान शेख हसीना के पिता और उनके भाइयों की हत्‍या कर दी गई थी. उस समय शेख हसीना और उनकी बहन की किसी तरह जान बच गई. इस घटना के बाद करीब छह साल तक शेख हसीना बांग्‍लादेश से दूर दूसरे देशों में रहना पड़ा था. भारत में भी उन्‍होंने काफी समय गुजारा था. आइए आपको बताते हैं साल 1975 के तख्‍तापलट की पूरी घटना.

साल 1975 साल पहले की घटना

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बात साल 1975 की है, जब शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान वहां के प्रधानमंत्री थे. उस समय सेना की एक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया था और कुछ हथियारबंद लड़ाके शेख हसीना के घर में घुसे और उनके माता-पिता और भाईयों की क्रूरता से हत्या कर दी. हालांकि, इस हमले में शेख हसीना और उनकी बहन बच गईं थीं क्‍योंकि शेख हसीना अपने पति वाजिद मियां और छोटी बहन के साथ यूरोप में थीं.

तख्‍तापलट के बाद भारत में ली थी शरण

इसके बाद शेख हसीना कुछ समय तक जर्मनी में रहीं और फिर वे भारत में आ गईं. उस समय भारत की इंदिरा गांधी सरकार ने उन्हें शरण दी और वे कई सालों तक भारत में रहीं. भारत में काफी समय तक रहने के बाद जब बांग्‍लादेश में हालात ठीक हुए तब वे 1981 में बांग्लादेश पहुंची यानी घटना के बाद करीब 6 सालों तक वे बांग्‍लादेश से बाहर रहीं. बांग्‍लादेश लौटने पर उनके समर्थन में लाखों लोग एयरपोर्ट पर पहुंच गए. इसके बाद 1986 के आम चुनाव में शेख हसीना ने हिस्सा लिया. हालांकि, इस चुनाव में वह हार गईं. 

2004 में भी हुआ हमला

1986 के बाद 1991 के चुनाव में भी शेख हसीना को हार का सामना करना पड़ा. 1996 में जब बांग्लादेश में स्वतंत्र रूप से चुनाव हुए तो शेख हसीना की पार्टी जीत गई और फिर शेख हसीना ने पीएम का पद संभाला. साल 2004 में शेख हसीना पर ग्रेनेड से भी हमला किया गया. इस हमले में किसी तरह उनकी जान तो बच गई थी, हालांकि वे बुरी तरह घायल हो गई थीं. 

सबसे लंबे समय तक रहीं प्रधानमंत्री

शेख हसीना दुनिया की ऐसी महिला हैं जो सबसे लंबे समय तक रहीं प्रधानमंत्री पद पर रही हैं. वे 1996 से 2001 तक बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री रहीं. इसके बाद  2009 में पीएम बनीं. तब से अब तक लगातार बांग्‍लादेश में शेख हसीना की ही सरकार रही है. अब फिर से बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट हो गया.