दवा बनाने वाली कंपनी पिरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दर्द निवारक टैबलेट सेरिडॉन (Saridon) को प्रतिबंधित दवाओं (एफडीसी) की सूची से बाहर निकाल दिया है. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि शीर्ष न्यायालय ने सेरिडॉन के पक्ष में फैसला सुनाया है.

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कंपनी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने सितंबर 2018 में पिरामल के सेरिडॉन पर प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी जिससे उसे इस एफडीसी के विनिर्माण, वितरण और बिक्री को जारी रखने की स्वीकृति मिली.’’ सरकार ने पिछले साल सितंबर में सेरिडॉन समेत 328 एफडीसी को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया था.

कंपनी की कार्यकारी निदेशक नंदिनी पिरामल ने न्यायालय के आदेश पर कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के आदेश से खुश हैं. यह भारतीय उपभोक्ताओं की विशिष्ट जरूरतों के लिये प्रभावी तथा सुरक्षित चिकित्सा समाधान मुहैया कराने की हमारी प्रतिबद्धता को साबित करता है. हमें भरोसा है कि कानून हमारे पक्ष में रहेगा.’’

क्‍यों लगा प्रतिबंध

पेनकिलर सैरीडॉन और स्किन क्रीम पैनड्रम उन 328 एफडीसी दवाओं में थे, जिन्हें सरकार ने उनके 'अनुचित उपयोग' को रोकने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सिर्फ इसलिए इन दवाओं को बंद कर दिया जाए क्‍योंकि ये 1988 से पहले की निर्मित हैं. ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की नोटिफिकेशन के मुताबिक 328 कॉम्बिनेशन मेडिसिन बंद की गई हैं. ये फिक्‍स्‍ड डोज कॉम्बिनेशन में आती है. इन्‍हें इसलिए बंद किया जा रहा है क्‍यों इनका कोई थेरेप्टिक जस्टिफिकेशन नहीं है. बोर्ड का कहना था कि ये दवाएं रोगियों के लिए रिस्‍की भी हैं.