गरीब परिवारों को इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक का मुफ्त बीमा कवर देने वाली प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) यानी ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत अब इलाज करने वाले अस्पतालों के प्रदर्शन पर नजर रखी जाएगी और उसके मुताबिक उन्हें ‘स्टार रेटिंग’ दी जाएगी. योजना का संचालन करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. इंदु भूषण ने मंगलवार को यह जानकारी दी. 

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देश के करीब 11 करोड़ गरीब परिवारों के 50 करोड़ से अधिक लोगों को सरकारी और निजी अस्पतालों में नकदी रहित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने वाली पीएम-जेएवाई के तहत अब तक देश भर में 15,000 अस्पताल जुड़ चुके हैं. इंदू भूषण ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हमारा ध्यान इलाज में गुणवत्ता पर है. हम देख रहे हैं कि योजना के तहत आने वाले अस्पताल किस तरह का इलाज दे रहे हैं. मरीज के एक बार भर्ती होने के बाद फिर बीमार होने और भर्ती होने की क्या स्थिति है. इस मामले में हम अस्पतालों को ‘स्टार रेटिंग’ देने पर विचार कर रहे हैं.’’ 

योजना में शामिल अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार के लिये प्रदर्शन आधारित भुगतान प्रणाली भी विकसित की है. भुगतान प्रणाली को इस तरह डिजाइन किया है कि अस्पताल इलाज में लगातार गुणवत्ता में सुधार लाएं और मरीजों को उसका लाभ मिले. इसमें एनएबीएच के तहत पूर्ण मान्यता प्राप्त अस्पतालों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है. 

आयुष्मान भारत योजना की घोषणा पिछले साल के आम बजट में की गई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को योजना की औपचारिक शुरुआत की. दिसंबर 2018 में देश के 33 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ योजना लागू करने के लिये सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. हालांकि, दिल्ली, ओडिशा और तेलंगाना ने अभी तक योजना को नहीं अपनाया. 

इंदू भूषण ने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत योजना को शुरू हुए अभी मात्र छह महीने हुए हैं. इतने कम समय में सभी तरह की समस्याओं का निदान होना तो मुश्किल है लेकिन हम 75 प्रतिशत तक दावों का निपटारा कर रहे हैं और 25 प्रतिशत में कुछ देरी होती है. निजी क्षेत्र योजना में हमारे साथ बढ़-चढ़कर जुड़ रहा है. उसके लिये यह सपने की तरह है, फिलहाल वह योजना की देख परख कर रहा है.’’ 

उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार के साथ बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि वहां भी योजना को जल्द लागू कर दिया जाएगा. योजना लागू होने के पिछले पांच माह के दौरान 13 लाख से अधिक लाभार्थी 1,700 करोड़ रुपये से अधिक का चिकित्सा लाभ उठा चुके हैं. 

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