Ayushman yojana:4,77,19,482 हेल्थ अकाउंट के साथ उत्तर प्रदेश नम्बर वन, जानिए कौनसा शहर रह गया पीछे
यूपी सरकार द्वारा बनाई गई लोगों के स्वास्थ्य को लेकर आयुष्मान योजना में यूपी अब पहले पायदान पर पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश ने 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट किए.
Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (PMJAY): इस योजना को धरातल पर उतारने में जुटी यूपी सरकार के प्रयासों का असर दिखने लगा है। प्रदेश ना सिर्फ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट निर्मित करने में देश में नंबर एक स्थान पर है, बल्कि हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, डिजिटल हेल्थ इंन्सेंटिवस्कीम और स्कैन एंड शेयर टोकन जनरेट करने में भी उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर वन पोजिशन पर पहुंच गया है. बता दें कि
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट करके पूरे देश में प्रथम स्थान पर है.
उत्तर प्रदेश बना नम्बर वन
हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, डिजिटल हेल्थ इंन्सेंटिव स्कीम और स्कैन एंड शेयर टोकन जनरेट करने में भी उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर वन बन चुका है साथ ही अगर आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश ने 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट करके पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है. जबकि, आंध्र प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, महाराष्ट्र चौथे और गुजरात पांचवें, पश्चिम बंगाल छठे, कर्नाटक सातवें और ओडिशा आठवें स्थान पर है.
हेल्थ रिकॉर्ड को किया अपडेट
इन 4.77 करोड़ अकाउंट्स के अंतर्गत 2.73 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को भी अपडेट किया जा चुका है, इस मामले में भी यूपी देश के टॉप थ्री राज्यों में है. मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और गुजरात इस मामले में उत्तर प्रदेश से काफी पीछे रह गए हैं. इसी प्रकार हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन (एचपीआर) के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. बता दें कि प्रदेश में कुल 42,741 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स का रजिस्ट्रेशन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत किया जा चुका है. इसमें 10 हजार से अधिक डॉक्टर और 32 हजार से अधिक नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं, वहीं हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (एचएफआर) के मामले में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में 38,863 हेल्थ फैसिलिटी सेंटरों को रजिस्टर किया जा चुका है. इनमें सरकार और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधा केंद्र शामिल हैं.महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश क्रमश: तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे स्थान पर हैं. कर्नाटक प्रथम स्थान पर है.
डिजिटल मिशन सेवा का किया इस्तेमाल
योगी सरकार का लक्ष्य है कि जितनी जल्दी हो सके प्रदेश के अधिक से अधिक प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान भारत योजना के साथ जोड़ा जाए.
सरकार की ओर से बताया गया है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत स्कैन एंड टोकन जनरेट करने के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. यूपी में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सेवा के उपयोग से ऑनलाइन ओपीडी के लिए 33,79,592 टोकन रजिस्ट्रेशन किया गया, जो पूरे देश में सर्वाधिक है. इस रैंकिंग में कर्नाटक दूसरे, जम्मू एवं कश्मीर तीसरे, दिल्ली चौथे, आंध्र प्रदेश पांचवें और छत्तीसगढ़ छठे स्थान पर हैं.
डिजिटल ओपीडी टोकन का फायदा
डिजिटल ओपीडी टोकन रजिस्ट्रेशन का सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले जहां आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए तकरीबन एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ा था, जोकि अब घटकर 5 मिनट रह गया है. तकरीबन 34 लाख बार मरीजों ने अब तक स्कैन एंड टोकन जनरेट सुविधा का लाभ उठाया है. बता दें कि प्रदेश में ऐसे 545 अस्पताल हैं, जिनमें हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) का इस्तेमाल होता है
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