अरुंधति भट्टाचार्य: 15 दिन में मिले RIL और विप्रो सहित 4 कंपनियों में अहम पद, उनमें क्या है ऐसा खास?
भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य को विप्रो ने बुधवार को अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शामिल करने की घोषणा की. इसके साथ ही वह रिटायरमेंट के बाद कॉरपोरेट वर्ल्ड में चार कंपनियों के बोर्ड में शामिल होने का कीर्तिमान बना चुकी हैं.
भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य को विप्रो ने बुधवार को अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शामिल करने की घोषणा की. इसके साथ ही वह रिटायरमेंट के बाद कॉरपोरेट वर्ल्ड में चार कंपनियों के बोर्ड में शामिल होने का कीर्तिमान बना चुकी हैं. भट्टाचार्य एसबीआई के अध्यक्ष पद से 6 अक्टूबर 2917 को रिटायर हुई थीं और इस महीने उन्होंने एक साल का कूलिंग पीरियड पूरा किया है.
भट्टाचार्य ने 10 अक्टूबर को प्राइवेट इक्विटी कंपनी क्रिस कैपिटल एडवाइजर को ज्वाइन किया. इसके तुरंत बाद क्रिसिल ने उन्हें 16 अक्टूबर को अपना अतिरिक्त निदेशक बनाया. इसके अगले दिन रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उन्हें अपनी कंपनी में स्वतंत्र अतिरिक्त निदेशक के तौर पर नियुक्त किया. इतना ही नहीं, सरकार ने उन्हें लोकपाल नियुक्ति कमेटी में भी शामिल किया है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर उनमें ऐसा क्या है.
अरुंधति भट्टाचार्य को विप्रो के बोर्ड में शामिल करते हुए कंपनी के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि वित्तीय सेवा क्षेत्र में उनका ज्ञान का भंडार, साथ ही टेक्नालॉजी की उनकी समझ और कामकाज में नए बदलावों को लेकर उनकी जगजाहिर विशेषज्ञता का फायदा विप्रो को मिलेगा.'
दरअसल भट्टाचार्य देश के सबसे बड़े बैंक की प्रमुख रही हैं, इस कारण सरकार के साथ डील करने में वो बहुत ही सहज हैं. वित्तीय क्षेत्र की उनकी जानकारी में वो माहिर हैं. नई टेक्नालॉजी को अच्छी तरह समझती हैं. कंपनियों के बोर्ड में एक महिला को शामिल करने की अनिवार्यता है. ऐसे में अरुंधति भट्टाचार्य सभी की पहली पसंद हैं.
जानिए उनके बारे में कुछ खास बातें-
1. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बोकारो के सेंट जेवियर्स स्कूल से की.
2. भट्टाचार्य कोलकाता के जाधवपुर यूनीवर्सिटी से इंग्लिश में पोस्ट ग्रेजुएट हैं.
3. वह 1977 में स्टेट बैंक में बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर शामिल हुई थीं और भट्टाचार्य एसबीआई की पहली महिला चेयरमैन बनीं.
4. उन्होंने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और एसबीआई मोबाइल बैंकिंग जैसी नई कंपनियों और सेवाओ की शुरुआत में अहम भूमिका निभाई.
5. फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें 2016 में दुनिया की 25वीं सबसे ताकतवर महिला बताया. उनका नाम कारोबार जगह की शक्तिशाली महिलाओं की फार्च्यून मैग्जीन की सूची में भी शामिल था.