रबी फसलों की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक आठ फीसदी कम है. खासतौर से मोटे अनाज की खेती में इस साल किसानों ने कम दिलचस्पी दिखाई है, इसलिए पिछले साल के मुकाबले मोटे अनाज का रकबा 27 फीसदी घटा हुआ है. वहीं, चना का रकबा पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी से अधिक घट गया है. 

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कृषि, सहकारिता, एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) की रबी सीजन की फसलों के साप्ताहिक बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 354.98 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 8.31 फीसदी कम है. पिछले साल अब तक 387.14 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी थी. 

गेहूं की बुवाई अब तक 152.97 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 156.76 लाख हेक्टेयर से 2.42 फीसदी कम है. दलहनों की बुवाई 101.91 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले की समान अवधि में 116.33 लाख हेक्टेयर में रबी दलहनों की बुवाई हो चुकी थी. 

इस प्रकार, दलहनों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 12.34 फीसदी घट गया है. प्रमुख रबी दलहन चना का रकबा पिछले साल की समान अवधि से 15.13 फीसदी घटकर 70.46 लाख हेक्टयर रह गई है. वहीं, मसूर की बुवाई 12.68 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के समान अवधि के 13.61 लाख हेक्टेयर से 6.81 फीसदी कम है.

मोटे अनाज का रकबा पिछले साल के मुकाबले 27.08 फीसदी कम है. अब तक 29.64 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हुई है. हालांकि तिलहनों का रकबा पिछले साल के लगभग बराबर है. अब तक 63.14 लाख हेक्टेयर में तिलहनों की बुवाई हुई है. 

प्रमुख तिलहन फसल सरसों और तोरिया की बुवाई 57.89 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में सरसों व तोरिया का रकबा 62.90 लाख हेक्टेयर था. सरसों और तोरिया का रकबा पिछले साल के मुकाबले 4.29 फीसदी बढ़ा हुआ है. मूंगफली की बुवाई 1.95 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 31.04 फीसदी कम है.

(इनपुट एजेंसी से)