लॉकडाउन (Lockdown) में तमाम काम-धंधे तो चौपट हो गए हैं, रोजगार कम होने या छिनने से लोग काफी तनाव में आ गए हैं. इसके अलावा पिछले 2 महीनों से घरों में कैद लोग भी एक अलग ही तनाव (Lockdown stress) से गुजर रहे हैं. 

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इन हालातों में अपने आप को कैसे तनाव से दूर रखें और नई ऊर्जा के साथ फिर से कैसे सृजन में लगें, इसके लिए ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन (Art of Living Foundation) के संस्थापक श्री श्री रविशंकर से बात की. 

इंटरव्यू के दौरान आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) ने तनाव से दूर रहने के कुछ मंत्र बताए हैं. 

लॉकडाउन में घरों में बैठे बहुत से लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, ऐसे लोगों को तनाव से दूर रहने के लिए सबसे अच्छा साधन है योग करना. लोगों को योग करना चाहिए, प्रणायाम को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए. कुछ समय के लिए ध्यान अवश्य लगाएं. 

लोगों से बात करनी चाहिए

श्री श्री रवि शंकर ने कहा कि कोरोना संकट में हजारों-लाखों लोग सड़कों पर हैं, परेशान हैं, भूखे-प्यासे हैं. ऐसे में हमें जरूरतमंद लोगों की अपने-अपने स्तर से मदद जरूर करनी चाहिए. परेशान लोगों से बात करनी चाहिए. उन्हें सांत्वना देनी चाहिए. 

सकारात्मक बातों पर ध्यान दें

तनाव में रहने से लोग अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं. कुछ लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं तो कई लोग आपा खो बैठते हैं. लोग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं. अपने साथी पर चिल्लाने लगते हैं. ऐसे में हमें तनाव से बचने के लिए नकारात्मक बातों को त्याग कर सकारात्मक बातों पर ध्यान देना चाहिए. 

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घर के कामों में सहयोग करना चाहिए. घर के सदस्यों को आपस में बात करनी चाहिए. जो काम आप सामान्य दिनों में समय की कमी के चलते नहीं कर पा रहे थे, उन्हें करना चाहिए. 

तनाव से बचाने के लिए वर्कशॉप

जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों की 'आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन' कैसे मदद कर रहा है, इस पर गुरुदेव ने बताया कि फ्रंट लाइन वर्कर को तनाव से बचाने के लिए वर्कशॉप की जा रही हैं. 

इन वर्कशॉप में सिखाया जाता है कि हमें अपने मन को मजबूत कैसे करना होगा. मन मजबूत रहने से शरीर स्वस्थ रहेगा तो हम कोरोना के संकट से आसानी से लड़ सकते हैं.

संकट में अवसर

कोरोना काल में बिजनेस से जुड़े लोग काफी उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं. ऐसे हालात में बिजनेसमैन या एक निवेशक खुद को कैसे कंट्रोल में रखें, इसके लिए वे बताते हैं कि हमें हर संकट को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए. क्योंकि संकट से समय चारों ओर नकारात्मक बातें दिखाई और सुनाई देती हैं, जिससे कोई भी आदमी जल्द ही तनाव में घिर जाता है.

यह समस्या नया सृजन लेकर आई है. यह एक युद्ध काल है और इससे निपटने के लिए हमें अंदर छिपे शौर्य को बाहर निकालना चाहिए. 

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संकट के इस समय में शांति से बैठकर बिजनेस को नए सिरे से संवारने के बारे में चिंतन करना चाहिए. क्योंकि यह समय नव सृजन का है. हमें हर स्तर पर बदलाव लाना होगा. जीवन के ताने-बाने को नए सिरे से बुनना होगा. लोगों को संकट से निकलने और रचनात्मक कामों में लगने के लिए सेवा, साधन और सत्संग की शिक्षा दी जाती है. 

 

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि ये तात्कालिक परिस्थिति है, कोई हमेशा के लिए संकट नहीं है. जोश के साथ इसका सामना करते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए.