आंगनवाड़ी के बच्चे बनेंगे स्मार्ट, हर सेंटर में स्मार्टफोन और टैबलेट से जुड़ेंगे
स्मार्टफोन और टैबलेट में ‘एकीकृत बाल विकास सेवा-सामान्य ऐप' है, जो प्रत्येक गांव की कुपोषण प्रोफाइल का खाका तैयार करता है.
आंगनबाड़ी (Anganwadi) केंद्रों में अब बच्चों की सेहत के साथ-साथ उनके बौद्धिक विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा. बच्चों को नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके लिए देश के आंगनबाड़ी (Anganwadi) केंद्रों को स्मार्टफोन (smartphones) समेत कंप्यूटर आदि से लैस किया जा रहा है.
नीति आयोग (NITI Aayog) ने राष्ट्रीय पोषण अभियान (National Nutrition Mission) के तहत आंगनवाड़ियों के लिए स्मार्टफोन और बच्चों की वृद्धि की माप के उपकरणों की खरीद की प्रगति में कमियां पाई हैं और राज्य सरकारों से यह काम अधिक मुस्तैदी से करने को कहा है. आयोग ने कहा कि इन उपकरणों की खरीद की प्रगति अपेक्षित दर से नहीं हुई है.
अब तक विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए 6.28 लाख स्मार्टफोन (smartphones) और 6.37 लाख वृद्धि-मापक उपकरण खरीदे गए हैं.
नीति आयोग (NITI Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बैठक में कहा कि पांच राज्यों ने तो अभी स्मार्टफोन की खरीद ही नहीं की है. इसी तरह 14 राज्यों ने आवश्यक वृद्धिमापी उपकरण की भी खरीद नहीं की है. जब तक सभी केंद्रों को स्मार्ट तकनीक से नहीं जोड़ा जाता है, तब तक आंगड़वाड़ी केंद्र वे आंकड़े उपलब्ध नहीं करा पाएंगे, जिनकी जरूरत है. इसी तरह वे वृद्धिमापी उपकरण के बिना ऐसे बच्चों की पहचान भी नहीं कर पाएंगे जो भीषण कुपोषण का शिकार हैं.
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राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत निगरानी और जांच की कारगर व्यवस्था बनाने के लिए स्मार्टफोन और टैबलेट खरीदे जा रहे हैं. इस पोषण अभियान का मकसद कम कद, खून की कमी और जन्म के वक्त कम वजन के स्तर को कम करना है.
स्मार्टफोन और टैबलेट में ‘एकीकृत बाल विकास सेवा-सामान्य ऐप' है, जो प्रत्येक गांव की कुपोषण प्रोफाइल का खाका तैयार करता है.