सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को आम्रपाली फ्लैट खरीदारों के पक्ष में फ्लैट का रजिस्ट्रेशन शुरू करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दोनों अथॉरिटी को चेतावनी दी कि अगर घर खरीदारों को फ्लैट का कब्जा देने में अधिकारियों ने देरी की तो उन्हें जेल भेजा जाएगा.

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने आम्रपाली के होम बायर्स के मामले में एक स्पेशल सेल तैयार किया है. उसमें अधिकारियों की तैनाती केवल इसी काम को करने के लिए की गई है. कोर्ट के आदेशों का जल्द पालन होगा.

उधर, आम्रपाली बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी ने अपना काम शुरू कर दिया है. एनबीसीसी बिल्डर की उन प्रॉपर्टी का ब्यौरा इकट्ठा कर रहा है, जिनसे वह प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पैसा जुटाएगा. एनबीसीसी ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से बिल्डर की तमाम संपत्ति का ब्यौरा मांगा है.

एनबीसीसी से मिली जानकारी के मुताबिक, आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए लगभग 8,500 करोड़ रुपये की जरूरत है और एनबीसीसी की बिल्डर की संपत्ति एवं निवेशकों से 11 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.

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सुप्रीम कोर्ट ने 42 हजार निवेशकों को राहत देते हुए आम्रपाली बिल्डर की अधूरी योजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंपी है. 

(रिपोर्ट- महेश गुप्ता/ नई दिल्ली)