आम्रपाली (Amrapali) के घर खरीदारों के लिए अच्‍छी खबर है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने घर खरीदारों को 31 जनवरी 2020 तक बकाया राशि का भुगतान किस्तों में या एकमुश्‍त करने के निर्देश दिए हैं ताकि आम्रपाली की फंसी परियोजनाओं (Projects) को पूरा करने में तेजी लाई जा सके. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इन परियोजनाओं का काम होगा पूरा

कोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी (NBCC) को आम्रपाली की 8 परियोजनाओं का काम पूरा करने का निर्देश दिया है. इनमें आम्रपाली जोडियाक (Amrapali Zodiac), सफायर फेज 1 (Sapphire phase 1) और फेज 2 (Phase 2), सिलिकॉन​ सिटी (Silicon City) 1 और 2, प्रिंसली एस्टेट (Princely State), सें​चुरियन पार्क लो राइज (Centurion Park Low Rise) और O2 वैली शामिल हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा की इन परियोजनओं में करीब 11,258 फ्लैट हैं. 

बैंक रिलीज करें लोन

शीर्ष अदालत ने 28 बैंकों से भी एक महीने के भीतर घर खरीदारों के रुके हुए लोन को डिस्‍बर्स करने के लिए कहा है. इन बैंकों ने होम लोन देने के लिए सीधे घर खरीदारों या फिर आम्रपाली समूह के जरिये खरीदारों के साथ करार किया था. 

सरकारी धन का इस्‍तेमाल कैसे

कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी से पूछा कि क्या केंद्र द्वारा घोषित 25,000 करोड़ रुपये के कोष से कुछ राशि का इस्‍तेमाल कर्ज के रूप में अटकी पड़ी आम्रपाली परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है. इसके क्या तौर-तरीके हैं. 

3000 करोड़ रुपए का है बकाया

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने कहा कि करीब 3000 करोड़ रुपये के बकाये में घर खरीदारों ने अब तक सिर्फ 105 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. हम घर खरीदारों को 31 जनवरी 2020 तक लंबित राशि का भुगतान किस्तों या फिर एक बार में करने का निर्देश देते हैं. 

फेमा का उल्‍लंघन

इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने कोर्ट को सूचित किया कि एजेंसी को पहली नजर में ही मामले में बहुराष्ट्रीय कंपनी जेपी मार्गन (JP Morgan) द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून 1999 (फेमा) के उल्लंघन के सबूत मिले हैं. इस दौरान कंपनी के भारत में आम्रपाली समूह के साथ किये गये लेन-देन के बारे में बयान को रिकॉर्ड भी किया गया.