L&T के चेयरमैन को मिला पद्म विभूषण, सिर्फ 6 शर्ट और 3 सूट हैं उनके पास
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिन प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने की घोषणा की गई है, उनमें देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एएम नाइक भी शामिल हैं.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिन प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने की घोषणा की गई है, उनमें देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एएम नाइक भी शामिल हैं. नाइक को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. नाइक को यह सम्मान मिलने पर आरबीआई के बोर्ड मैंबर एस गुरुमूर्ति से कहा है, 'वे वास्तव में राष्ट्रवादी हैं, जैसा कि उनकी जीवनी से पता चलता है. एक प्रोफेशनल मैनेजर के रूप में वे जीनियस हैं, उन्होंने L&T को अंबानी से बचाया, और उसे महज एक इंजीनियरिंग कंपनी से नेशनल सिक्योरिटी एसेट में बदल दिया.'
अंबानी और बिड़ला को दी मात
एएम नाइक की जीवनी का नाम है - दि नेशनलिस्ट. ये जीवनी 2017 में प्रकाशित हुई थी. मिनहाज मर्चेंट की इस किताब में बताया गया है कि अंबानी और बिड़ला एलएंडटी का अधिग्रहण करना चाहते थे. इस टेकओवर की कोशिश से कंपनी को बेहद मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा. ऐसे में नाइक ने सभी कर्मचारियों को कंपनी का मालिक बनाने का निर्णय लिया. महीनों तक चर्चा चली और अंत में एलएंडटी के कर्मचारियों के ट्रस्ट ने बिड़ला की पूरी हिस्सेदारी खरीद ली. ऐसे ही एक समय में एलएंडटी में अंबानी की स्थिति बहुत मजबूत हो गई थी और तय था कि अंबानी कंपनी का अधिग्रहण कर लेंगे. लेकिन ऐसा हो न सका.
75% संपत्ति कर देंगे दान
आज नाइक देश के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ में एक हैं. इसके बाद भी उनका जीवन एकदम सादा है. 19 सितंबर 2018 को प्रकाशित इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास सिर्फ 6 शर्ट और 3 सूट हैं और एलएंडटी के चेयरमैन के रूप में उन्हें जो भी आय हुई है, वे उसे दान करना चाहते हैं.
नाइक ने बताया कि वे अपनी 75% संपत्ति दान कर देंगे. ये भी हो सकता है कि वे अपनी पूरी संपत्ति दान कर दें. धीमे-धीमे वे कंपनी के प्रमुख जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर रहे हैं और उनका रुझान सामाज सेवा के कार्यों की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने बताया, 'अगर मेरे बेटे और बहू (जिग्नेश और रुचा) भारत नहीं आते हैं, तो बची राशि का एक बड़ा हिस्सा भी चैरिटी में चला जाएगा. उन्हें इसकी (पैसों की) जरूरत नहीं है. वास्तव में वे मुझे सबकुछ दान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उन्होंने कभी मेरे निर्णय का विरोध नहीं किया. उन्होंने मेरी योजना का समर्थन ही किया है.' उनकी योजना अगले पांच साल में गुजरात में एक कैंसर अस्पताल और नर्सिंग स्कूल बनाने की है. इसे नाइक की नातिन निराली के नाम पर 'निराली मेमोरियल मेडिकल ट्रस्ट' नाम दिया गया है, जिनकी 2 वर्ष की उम्र में कैंसर से मृत्यु हो गई थी.