विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच रविवार को राज्‍यसभा ( Rajya Sabha) में कृषि से जुड़े दो विधेयकों (Agriculture Bills) पास हो गए. केंद्र सरकार ने ध्वनि मत से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर सदन की मंजूरी हासिल कर ली. 

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विधेयक पारित होते ही सदन की कार्रवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress), कांग्रेस (Congerss) और वाम सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने इन बिलों को लेकर खूब हंगामा किया. विपक्षी दल इन विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने के प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग कर रहे थे. तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के साथ कुछ विपक्षी सदस्य आसन के बिल्कुल पास आ गए.

तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने उपसभापति हरिवंश का माइक तोड़ने की कोशिश की. उन्होंने सदन की रूल बुक फाड़ दी. हालात बिगड़ते देख मार्शलों को बुलाना पड़ा.

कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के बीच नोंकझोंक

राज्यसभा में बहस के दौरान कांग्रेस (Congress) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSR Congress Party) के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई. 

वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में ऐसे ही प्रावधानों का समर्थन किया था लेकिन वह अब विधेयकों का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का दोहरा मापदंड है.

कांग्रेस के आनंद शर्मा ने रेड्डी की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य का आचरण सदन की परंपराओं के अनुसार नहीं है और उन्हें अपने बयान को वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए.

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किसान हितैषी बिल

कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि किसानों की उपज की, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था के तहत खरीद हो रही है और यह आगे भी जारी रहेगी. इन विधेयकों के कारण इस व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित होगा.

संसद के बाहर भी हंगामा

इन विधेयकों को लेकर रविवार को संसद से सड़क तक खूब हंगामा देखने को मिला. पंजाब और हरियाणा (Haryana) में किसानों ने कई स्थानों पर धरना -प्रदर्शन किए. अंबाला (Ambala) में तो किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस को उन पर पानी की बौछार तक करनी पड़ी. रोहतक में भी किसानों द्वारा हंगामा किए जाने के समाचार हैं.

किसानों ने सिरसा में कई स्थानों पर सड़कों पर जाम लगा दिया. पंजाब में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इन बिलों के विरोध में कई जगह धरने-प्रदर्शन किए. पंजाब से किसानों का एक एक हुजूम ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर दिल्ली कूच के लिए भी निकला, जिसे रास्ते में ही रोक लिया गया.