Agnipath Scheme: नौकरी के दौरान शहादत होने पर 1 करोड़ रुपये, जानिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने और क्या कहा...
Agnipath Scheme: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निपथ स्कीम को लेकर कुछ बातों का जिक्र किया.
Agnipath Scheme: देश के अलग अलग राज्यों में अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. भारतीय सेना में भर्ती के लिए नई योजना अग्निपथ के खिलाफ युवा लगातार अलग-अलग तरीके अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. मामला बढ़ता देख अग्निपथ योजना को बनाने वाले एडिश्नल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अब इस पर अपनी बात रखी है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निपथ स्कीम को लेकर कुछ बातों का जिक्र किया. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अगर किसी अग्निवीर की नौकरी के दौरान शहादत हो जाती है तो 1 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं अग्निवर को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
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वापस नहीं होगी अग्निपथ स्कीम
सरकार ने अग्निपथ योजना में कई बड़े बदलाव कर दिए हैं. देश में योजना के खिलाफ बढ़ रहे विरोध के बाद सरकार ने इसमें बदलाव करने का फैसला किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने से पहले रविवार को तीनों सेनाओं के अध्यक्षों ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात साफ कर दी गई कि अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगी.
जानिए इस मामले पर वायु सेना ने क्या कहा
वायुसेना ने योजना संबंधी अपने नोट में ‘अग्निपथ’ को सशस्त्र बलों के लिए एक नई मानव संसाधन प्रबंधन योजना बताया और कहा कि बल में भर्ती अभ्यर्थी वायुसेना अधिनियम, 1950 से शासित होंगे. सेवा अवधि पूरी होने से पहले स्वयं को सेवामुक्त करने का ‘अग्निवीर’ का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा और केवल असाधारण मामलों में इसकी अनुमति होगी तथा सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद ही ऐसा किया जाएगा.
वायुसेना ने कहा कि केवल उन्हीं अग्निवीरों को नियमित सेवा में बरकरार रखा जाएगा, जो इससे पहले का चार साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. योजना के तहत अग्निवीरों को संगठनात्मक हित में कोई भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है और वे मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे.अग्निवीर कार्य अवधि के दौरान अपनी वर्दी पर एक विशिष्ट प्रतीक चिह्न लगाएंगे.