Affordable housing sales: पिछले साल 2021 में कुल हाउसिंग सेल्स में किफायती घरों की हिस्सेदारी में कमी आई. रियल एस्टेट सलाहकार प्रॉपटाइगर के अनुसार, 2021 मे 45 लाख रुपये से कम कीमत वाले किफायती घरों का कुल हाउसिंग सेल्स में हिस्सेदारी 48 फीसदी से घटकर 45 फीसदी ही रह गई. वहीं 75 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री कुल सेल्स के 25 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी हो गई.

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रियल इनसाइट रेजिडेंशियल - एनुअल राउंड-अप 2021 शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में, प्रॉपटाइगर ने कहा कि आठ प्रमुख हाउसिंग मार्केट में घरों की बिक्री 2021 में 13 प्रतिशत बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो पिछले वर्ष में 1,82,639 यूनिट थी.

किसकी रही कितनी हिस्सेदारी

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के आठ प्रमुख हाउसिंग मार्केट में कुल हाउसिंग सेल्स का 43 फीसदी 45 लाख रुपये के मूल्य वर्ग के भीतर था. 45 लाख रुपये से 75 लाख रुपये के मूल्य कैटेगरी की हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 26 फीसदी से बढ़कर 2021 में 27 फीसदी हो गई है. जबकि 75 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के अपार्टमेंट की हिस्सेदारी  9 फीसदी से बढ़कर 11 फीसदी हो गई. वहीं 1 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले घरों की हिस्सेदारी 16 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गई.

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ये हैं आठ प्रमुख हाउसिंग मार्केट

इन आठ प्रमुख हाउसिंग मार्केट में - अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली-एनसीआर (गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद), एमएमआर (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे आता है.

सरकार दे रही सपोर्ट

PropTiger ने कहा कि सरकार की ओर से दी जा रही पॉलिसी सपोर्ट ने 2021 में किफायती घरों के लिए आकर्षण को बढ़ाया है. 

आयकर (Income Tax law) की धारा 80EEA के तहत, भारत में पहली बार 45 लाख रुपये से कम कीमत वाला घर खरीदने वालों को 1.50 लाख रुपये की एडिशनल टैक्स डिडक्शन मिलता है. ऐसे कर्जदार सरकारी प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यक्रम (Pradhan Mantri Awas Yojana Programme) के तहत सब्सिडी का दावा भी कर सकते हैं. 

2022 में बढ़ेगी किफायती घरों की बिक्री

Housing.Com, PropTiger.Com और Makaan.Com के ग्रुप सीईओ धुव्र अग्रवाल ने कहा कि सरकारी सब्सिडी के अलावा रिकॉर्ड कम होम लोन की ब्याज दरें भी 2021 में देश की घरेलू बिक्री को बढ़ाने में कामयाब रही. यहां तक की इकोनॉमी भी धीरे-धीरे महामारी की दूसरी लहर से उबर गई है. 

उन्होंने कहा कि 2022 में हम विशेष रूप से किफायती घरों की बिक्री में और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे है, क्योंकि सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सब्सिडी का फायदा उठाने की डेडलाइन खत्म होने वाली है.