केंद्र सरकार ने विज्ञापन कंपनियों को फटकार लगाई है. सरकार ने विज्ञापन कंपनियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अब वे सोशल मीडिया पर कोई जानकारी नहीं छिपा सकते. केंद्र सरकार ने कहा है कि उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए विज्ञापनों में दी गई सूचनाओं या दावों (Disclosures) को प्रमुखता से दिखाना चाहिए, न कि हैशटैग (Hashtags) या लिंक (links) के रूप में.

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उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मुंबई में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए सोशल मीडिया विज्ञापन (social media advertising) को जिम्मेदारी से संचालित करने के महत्व पर भी जोर दिया.

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50 करोड़ से ज्यादा सोशल मीडिया यूजर्स

उन्होंने कहा कि आज देश में सोशल मीडिया यूजर्स 50 करोड़ से ज्यादा हैं, ऐसे में विज्ञापनों को जिम्मेदारी के साथ दर्शाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रभावशाली और लोकप्रिय व्यक्तियों को एडवरटाइजर्स से संबंधित हर उस तथ्य का खुलासा करने की जरूरत है, जिससे उनके प्रस्तुतीकरण की साख प्रभावित होने की संभावना है.

सिंह ने कहा, ये सूचनाएं ऐसे दी जानी चाहिए कि उपभोक्ता इन्हें नजरंदाज न कर पाएं और इन्हें कई Hashtags और Links के बीच में नहीं रखना चाहिए. सिंह ने कहा कि तस्वीरों में विज्ञापन के दौरान ये सूचनाएं तस्वीर के ऊपर स्पष्ट दिखनी चाहिए और वीडियो में विज्ञापन के दौरान ये सूचनाएं वीडियो-ऑडियो, दोनों माध्यमों से दी जानी चाहिए.

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विज्ञापन से उपभोक्ता न हों भ्रमित

लाइव टेलीकास्ट के दौरान सूचनाएं लगातार और उचित स्थान पर लगाकर दी जानी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित करना विनिर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि उनके विज्ञापन से उपभोक्ता भ्रमित न हों.

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(भाषा इनपुट के साथ)