Delhi Air Pollution: सर्दी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अरविंद केजरीवाल का नया एक्शन प्लान, जानें क्या होगा बदलाव
सर्दी के मौसम को लेकर तैयार इस कार्ययोजना के केंद्र में पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन, खुले में कूड़ा जलाना, औद्योगिक प्रदूषण, सर्वाधिक प्रदूषण वाले स्थल, स्मॉग टावर, जन सहभागिता, पटाखा और पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त कार्रवाई समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं.
Delhi Air Pollution: अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्लीवासियों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नया प्लान तैयार किया है. दिल्ली में सर्दियां शुरू होते ही हवा की क्वालिटी खराब हो जाती है. इससे निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने सर्दियां शुरु होने से पहले ही नए एक्शन प्लान की घोषणा की है. नए एक्शन प्लान के मुताबिक, पराली गलाने के लिए बायो डीकम्पोजर का इस्तेमाल किया जाएगा. इतना ही नहीं पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सख्ती की जाएगी. साथ ही पटाखों पर भी बैन रहेगा. इसके साथ ही केजरीवाल ने ऐलान किया है कि दिल्ली सरकार 233 एंटी स्मॉग गन और 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन इंस्टॉल की जाएगी.
कई तरीकों से पॉल्यूशन पर रोक- दिल्ली में 24 घंटे बिजली रहने की वजह से जनरेटर चलने बंद हो गए, इससे प्रदूषण में कमी आई है.
- दिल्ली में थर्मल पावर प्लांट बंद किए.
- डस्ट पॉल्यूशन पर कड़ी कार्रवाई की गई.
- कंस्ट्रक्शन साइट पर नियमों की अनदेखी पर भारी जुर्माना.
- सभी रजिस्टर्ड इंडस्ट्री में पाइप्ड नेचुरल गैस इस्तेमाल होती है, जिससे पॉल्यूशन नहीं होता.
- दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ रहा है. पहले 20% ग्रीन कवर था अब 23.6% है.
- इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी आने से लोग अब इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद रहे हैं.
- नई बसें जोड़ी गई हैं, जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया है.
- स्मोग टावर का पायलट प्रोजेक्ट किया था उसका भी अच्छा असर हुआ है.
- केंद्र सरकार ने पेरिफेरल रोड बनाए जिसकी वजह से ट्रक दिल्ली से कम गुजरते हैं बाहर से ही निकल जाते हैं जिसकी वजह से बहुत मदद मिली.
प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए प्लान तैयार 1. पराली- इसके मैनेजमेंट के लिए PUSA द्वारा तैयार किया गया बायो डी कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा. पिछले साल 4,000 एकड़ में किया गया था इस बार 5,000 एकड़ में किया जाएगा. 2. डस्ट पोलूशन रोकने के लिए 6 अक्टूबर से anti-dust अभियान चलाया जाएगा. 500 स्क्वायर मीटर से ज्यादा जो कंस्ट्रक्शन साइट है उनके लिए अब कंपलसरी होगा कि सरकार के वेब पोर्टल पर रजिस्टर करें और डस्ट कंट्रोल की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी. 586 टीमों का गठन किया गया है जो कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर मॉनिटरिंग करेंगे. 3. 5000 स्क्वायर मीटर से ज्यादा के एरिया वाली कंस्ट्रक्शन साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत पूरी दिल्ली में 233 एंटी स्मोग गन लगाए जा रहे हैं.सड़क पर उड़ने वाली धूल को कंट्रोल करने के लिए 80 डस्ट स्वीपिंग मशीन लगाई है. 521 मशीन पानी का छिड़काव करेंगी. 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई जा रही हैं ताकि सड़कों से उड़ने वाली धूल को कंट्रोल किया जा सके. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए PUC की जांच और सख्त की जाएगी. 10 साल पुरानी डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़कों पर ना उतरे इसका पालन कराने के लिए सख्ती की जाएगी 380 टीम बनाई गई हैं. 203 ऐसी सड़कें हैं जहां बहुत भीड़ भाड़ होती है, इसकी वजह से प्रदूषण होता है तो यहां पर भीड़भाड़ कम करने के लिए वैकल्पिक रूट तैयार किए गए हैं 4. खुले में कूड़ा जलाना प्रतिबंधित है और इसको रोकने के लिए 611 टीमों का गठन किया गया है. 5. 33 टीमों का गठन किया गया है ताकि इंडस्ट्री में कोई पाइप नेचुरल गैस के अलावा दूसरा ईंधन इस्तेमाल ना करें 6. पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. पटाखों के खरीदने उसके भंडारण बिक्री सब पर प्रतिबंध है. ऑनलाइन डिलीवरी भी नहीं हो सकती. इसको लागू कराने के लिए 210 टीमों का गठन किया गया है. 7. रियल टाइम सोर्स ऑफ पोलूशन स्टडी- आईआईटी कानपुर ने हमारे साथ एक स्टडी की है इसके लिए राउस एवेन्यू रोड पर एक सुपर साइट बनाई गई है और इसके अलावा एक मोबाइल बैन है जिसके ऊपर काफी सारे एक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. 8. पर्यावरण मित्र बनाए गए हैं अभी तक 3500 से ज्यादा वॉलिंटियर्स ने इसके लिए रजिस्टर किया है. यह लोग समाज सेवा करेंगे और लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक करेंगे. अगर आप पर्यावरण मित्र बनना चाहते हैं तो 8448441758 पर मिस कॉल दें. 9. इलेक्ट्रॉनिक कूड़े के प्रबंधन के लिए एक ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा. उत्तर पश्चिम दिल्ली के होलंबी कला में 20 एकड़ में ई वेस्ट पार्क बना रहे हैं. पूरी दिल्ली का इलेक्ट्रॉनिक कचरा वहां ले जाया जाएगा और साइंटिफिक तरीके से इसको प्रोसेस किया जाएगा. 10. ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 42 लाख पौधे लगाने का टारगेट रखा था, पहले चरण में 33 लाख पेड़ लगा चुके, दूसरे चरण में 9 लाख पेड़ पौधे और लगाए जाएंगे.