7th Pay Commission : हजारों कर्मचारियों ने किया सरकार की इस पेंशन योजना का बहिष्कार
उत्तर प्रदेश (UP) में इन दिनों लाखों राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के लिए जनआंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके तहत 15 जिलों में चेतना रथ यात्रा निकाली जा रही है.
7th Pay Commission : उत्तर प्रदेश (UP) में इन दिनों लाखों राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के लिए जनआंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके तहत 15 जिलों में चेतना रथ यात्रा निकाली जा रही है. इस रथ यात्रा का दौर 14 दिसंबर तक चलेगा. 20 दिसंबर 2018 को राज्य कर्मचारी संगठनों की योजना लखनऊ में एक बड़ी रैली करने की है. इस रथ यात्रा को संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस4), यूपी के बैनर तले शुरू किया गया है. एस4 के प्रांतीय अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि भारत के सीएजी (CAG) ने एनपीएस में घोटाले की पोल खोली है. इसलिए हमारा संगठन एनपीएस पर राज्य सरकार से कोई वार्ता नहीं करेगा.
एमएलए 1 दिन बाद ही हो जाते हैं पेंशन के हकदार
तिवारी ने कहा कि राज्य कर्मचारी की तरह ही देश के माननीय विधायक व सांसद भी जनसेवक की भूमिका में हैं. फिर क्यों उनके एक दिन अपने पद पर बने रहने पर पेंशन देय है और सरकारी कर्मचारी, जो 3 से 4 दशक तक सेवा करता है, को पुरानी पेंशन तक नहीं नसीब होगी.
विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे
तिवारी की मानें तो यह रथ यात्रा यूपी के 15 जिलों में जाएगी और जिला मुख्यालयों में कार्यरत लाखों कर्मचारियों को लामबंद करेगी. इसके बाद 14 दिसंबर को यह यात्रा लखनऊ लौटेगी और 20 दिसंबर को लाखों कर्मचारी यूपी की राजधानी लखनऊ में विशाल जनसभा कर सरकार तक अपनी मांग पहुंचाएंगे.
लखनऊ से 29 को शुरू हुई थी यात्रा
संगठन के संयोजक (वित्त) आरके वर्मा ने जी बिजनेस डिजिटल को बताया कि एस4 से लगभए एक दर्जन कर्मचारी संगठन जुड़े हैं. रथयात्रा 29 अक्टूबर से अब तक 6 जिलों में गई है, जहां हजारों की संख्या में कर्मचारी व शिक्षक जुटे थे. यात्रा लखनऊ से शुरू हुई थी. बाराबंकी पहुंचने पर रथ यात्रा का संचालन कर रहे प्रांतीय अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा था कि अगर सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हमारी मांग पूरी नहीं की तो हम लोकसभा चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे.
क्या है केंद्रीय कर्मचारियों की मांग
केंद्रीय कर्मचारी 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद अपनी बेसिक सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 2.57 गुणा का फिटमेंट फैक्टर महंगाई के हिसाब से काफी नहीं है. इसे बढ़ाना चाहिए ताकि न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए से बढ़कर 26000 रुपए हो जाए. लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए कर्मचारियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे 5 विधानसभा चुनाव की अधिसूचना हटने के बाद लागू कर सकती है.