Maiden Pharmaceuticals: कफ सिरप पीने से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद मेडन फार्मास्युटिकल्स विवादों में हैं. आरोप है कि भारत में निर्मित इस कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत हुई है. जारी विवाद के बीच कंपनी की तरफ से सफाई जारी की गई है. कंपनी का कहना है कि वह पिछले तीन दशक से मेडिसिन के फील्ड में है और सभी नियमों और मानकों का पालन किया जा रहा है. कंपनी के पास निर्यात के लिए वैलिड अप्रूवल है. भारत में निर्मित इस दवा का केवल निर्यात किया जाता है. डोमेस्टिक मार्केट में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इस दवा को तैयार करने में जिस रॉ मटीरियल का इस्तेमाल होता है उसे केवल सर्टिफाइड और रेप्युटेड कंपनी की तरफ से ही खरीदा जाता है.

मीडिया रिपोर्टिंग पर निराशा

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कंपनी ने इस संबंध में मीडिया रिपोर्टिंग पर निराशा जाहिर की है. उसने कहा कि आधिकारिक तौर पर 5 अक्टूबर को उसे गाम्बिया स्थित अपने एजेंट से  इसकी सूचना मिली है. बाद में WHO की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है. बता दें कि इस घटना के बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन भी एक्शन में आया है. WHO की तरफ से जारी मेडिकल अलर्ट के मुताबिक, मेडन फार्मा के चार प्रोडक्ट बेहद घटिया क्वॉलिटी और रिस्की हैं.

चार दिन फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया

कंपनी की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया कि सरकार की एजेंसियों ने अलग-अलग दिन उसके फैक्ट्री पर निरीक्षण भी किया. 1 अक्टूबर, 3 अक्टूबर, 6 अक्टूबर और 7 अक्टूबर को फैक्ट्री पर निरीक्षण का काम किया गया. CDSCO की तरफ से इस दौरान सैंपल कलेक्शन किए गए. इस निरीक्षण कार्रवाई के दौरान कंपनी के डायरेक्टर मौजूद रहे और उन्होंने हर तरह से मदद की.

सैंपल रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है

कंपनी ने कहा कि CDSCO की तरफ से जो सैंपल कलेक्ट किया गया है, अभी तक उसका रिजल्ट नहीं आया है. फिलहाल मामला विचाराधीन है और सैंपल रिपोर्ट भी नहीं आई है. ऐसे में कंपनी की तरफ से इस संबंध में विशेष कमेंट नहीं किया जा सकता है.