देश में सरकारी ऑलय मार्केटिंग कंपनियों द्वारा 65000 नए पेट्रोल पंप जारी करने के लिए आवेदन मांगने के चलते उठे सवालों पर अब पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की सफाई आई है. धर्मेंद्र प्रधान ने साफ किया है कि देश भर में 65000 नए पेट्रोल पंप खोलने का 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि देश भर में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसलिए पेट्रोल पंपों की संख्या बढ़ाने के लिए ये योजना काफी पहले बना ली गई थी. 

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इससे पहले विपक्ष ने आरोप लगाया था कि चुनावी फायदे के लिए सरकार 65000 पेट्रोल पंप बांटने जा रही है. गौरतलब है कि नए जारी किए जाने वाले पेट्रोल पंप की संख्या देश में पहले से मौजूद पेट्रोल पंपों के बराबर है. इतनी बड़ी संख्या में पेट्रोल पंपों के आवंटन से दूर दराज के इलाकों में लोगों को फायदा होगा. एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में धर्मेंद्र  प्रधान ने कहा कि इसे लोकसभा चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.

पेट्रोल-डीजल की कीमत

प्रधान ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी का असर भारत में भी होता है. हालांकि उन्होंने कहा कि बीते दिनों लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत मिली है. उन्होंने कहा कि 2014 में सिर्फ 13 हज़ार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर थे जो अब बढ़कर 22 हज़ार से भी ज्यादा हो गए हैं. सरकार की कोशिश उपभोक्ताओं तक आसानी से पेट्रोलियम उत्पाद पहुंचाने की है.

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की देशभर में 65,000 पेट्रोल पंपों के आवंटन की योजना है. इससे देशभर में उनके पेट्रोल पंप की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी. तेल कंपनियों ने विज्ञापन जारी कर दिए हैं. सरकार ने पेट्रोल आवंटन के एक अहम नियम में भी संशोधन किया है. आवंटन  नए नियमों के आधार पर होगा. आईओसी ने 26,982 नए पेट्रोल पंपों के आवंटन के लिए विज्ञापन दिया है. देश में कंपनी के पास पहले से 27,377 पेट्रोल पंप हैं. इसके बाद बीपीसीएल और एचपीसीएल ने क्रमश: 15,802 और 12,865 नए पेट्रोल पंपों के लिए विज्ञापन दिया है. दोनों कंपनियों के पास पहले से क्रमश: 14,592 और 15,287 पेट्रोल पंप हैं.