उत्तराखंड के दुर्गम 4 धाम की यात्रा को इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने रेल नेटवर्क से जोड़ने का फैसला किया है. रेलवे ने इसका सर्वे करा लिया है. इस प्रस्‍ताव को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. अनुमान है कि इस रेल नेटवर्क को तैयार करने में करीब 46 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा.

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दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक इस रेल नेटवर्क से पहले रेल विकास निगम रिषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम कर रहा है. 4 धाम यात्रा का सर्वे तुर्की की एक कंपनी ने किया है. युक्‍सल प्रोजे नाम की कंपनी ने डिजिटल टरेन मॉडल तकनीक से यह सर्वे कराया था.

रिषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर ओमप्रकाश मालगुड़ी के मुताबिक चार धाम रेल नेटवर्क का सर्वे होने के बाद दो चरणों में 30 अलग-अलग एलाइनमेंट तैयार किया है. बदरीनाथ और केदारनाथ धाम रेल नेटवर्क को रिषिकेश-कर्णप्रयाग रेल नेटवर्क से ही आगे बढ़ाया जाएगा. जबकि, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम रेल नेटवर्क के लिए डोईवाला रेलवे स्‍टेशन से अलग रेल लाइन बिछाई जाएगी.

इन स्‍टेशनों के बीच बिछेगी रेल लाइन

> बदरीनाथ-केदारनाथ के लिए रिषिकेश-कर्ण प्रयाग रेल लाइन को साईंकोट तक पहुंचाया जाएगा.

> साईंकोट से बदरीनाथ के लिए 80 किमी लंबी रेल लाइन जोशीमठ तक पहुंचाई जाएगी.

> केदारनाथ के लिए साईंकोट से सोनप्रयाग तक 98 किमी लंबी रेल लाइन बिछेगी.

> बदरीनाथ ट्रैक पर साईंकोट के बाद त्रिपक, तरतोली (पीपलकोटी), हेलंग और जोशीमठ रेलवे स्‍टेशन होंगे.

> केदारनाथ रेलवे ट्रैक पर बड़ोती, चोपता, मक्‍कूमठ, मढ़ाली और सोनप्रयाग रेलवे स्‍टेशन बनेंगे.