Monkeypox In India : देश में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ा, अब तक कुल 9 मामले, जारी हो सकती है नई गाइडलाइंस
Monkey pox cases in India: स्वास्थ्य मंत्रालय जल्दी ही मंकीपॉक्स की गाइड लाइन को लेकर बदलाव कर सकता है. इसके साथ ही सरकार ने एक्सपर्ट्स को आपातकालीन चिकित्सा राहत (EMR) को लेकर सुझाव देने को भी कहा है.
देश में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता जा रहा है. भारत में मंकीपॉक्स के अब तक 9 मरीज मिल चुके हैं जिसमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए मौजूदा दिशा निर्देशों पर पुनर्विचार करने के लिए गुरुवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई. सूत्रों के अनुसार, सरकार ने पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों से सुझाव मांगा. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्दी ही मंकीपॉक्स की गाइड लाइन को लेकर बदलाव कर सकता है. इसके साथ ही सरकार ने एक्सपर्ट्स को आपातकालीन चिकित्सा राहत (EMR) को लेकर सुझाव देने को भी कहा है.
क्या है मंकीपॉक्समंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, यानी कि जानवरों के मनुष्यों में फैलने वाला वायरस. इसके लक्षण देखने में चेचक के रोगियों जैसे होते हैं, हालांकि यह क्लिनकली चेचक से कम गंभीर होता है. मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस के दो अलग-अलग जेनेटिक ग्रुप हैं- सेंट्रल अफ्रीकी (कांगो बेसिन) क्लैड और वेस्ट अफ्रीकन प्रसार के मामले में कांगो बेसिन मंकीपॉक्स ने ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है.
मंकीपॉक्स के लक्षणWHO के अनुसार, मंकीपॉक्स के कारण रैशेज, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, एनर्जी में कमी जैसे लक्षण (common symptoms of monkeypox virus) दिखते हैं. लेकिन यह लक्षण किसी अन्य बीमारी के कारण भी दिख सकते हैं. मंकीपॉक्स का सबसे खतरनाक या विशेष लक्षण लिम्फ नोड्स में सूजन आना है. लिंफ नोड्स आपके गले के दोनों ओर होते हैं. जो इसे आम बीमारियों से अलग बनाता है.
मरीज कब तक फैला सकता है मंकीपॉक्समंकीपॉक्स के लक्षणों में चेहरे, हथेलियों, तलवों, आंखों, मुंह, गले, जांघ और जननांग आदि पर दाने-रैशेज-छाले होना भी शामिल है. जो कि आमतौर पर 2 से 3 हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं. ध्यान रखें कि जब तक मंकीपॉक्स के मरीज के सभी छाले या दाने सूख नहीं जाते, तब तक वह संक्रमण फैला सकता है.
70 से अधिक देशों में फैला वायरससीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स (monkeypox virus) 74 देशों तक फैल चुका है. जिसमें से 68 नए देश हैं, जिनमें मंकीपॉक्स के केस देखने को मिल रहे हैं. इन नए देशों में कुल 16,836 मामलों में से 16,593 मामले मिल चुके हैं. मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी है, जो जेनेटिक वायरस के फैलने से हो रही है. यह जानवरों से इंसानों में और इंसान से इंसान में फैल सकती है.
कब आया था पहला मामलाइंसानों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) की पहचान पहली बार 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक 9 महीने के लड़के में हुई थी, जहां 1968 में चेचक को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद से मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से सामने आए हैं.
अफ्रीका के बाहर पहला मामलाअफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला 2003 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में सामने आया था. यह पालतू प्रैरी कुत्तों के संपर्क से फैला था, जिन्हें गैम्बियन पाउच वाले चूहों और डर्मिस के साथ रखा गया था. इन चूहों को घाना से इम्पोर्ट किया गया था.
कैसे फैलता है मंकीपॉक्सएक मंकीपॉक्स (Monkeypox) से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने पर मंकीपॉक्स फैल सकता है. ऐसे व्यक्तियों को आइसोलेशन में रहना चाहिए और किसी स्वस्थ व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आने से बचना चाहिए. मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. मंकीपॉक्स का वायरस आंख, नाक या मुंह के माध्यम से फैलता है. वहीं संक्रमित जानवरों के काटने से या उनके निकट संपर्क में आने से भी फैल सकता है. मंकीपॉक्स के मरीजों में आमतौर पर 6 से 13 दिन में लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं, लेकिन यह 5 से 21 दिन के बीच भी हो सकता है.