जी बिजनेस की खबर का असर, Gold-Silver पर घटाया गया ड्यूटी ड्रॉ बैक, जानिए अब कितना हो गया
सरकार की तरफ से गोल्ड (Gold) और सिल्वर (Silver) पर ड्यूटी ड्रॉ बैक (Duty Drawback) घटा दिया गया है. गोल्ड और सिल्वर पर ड्यूटी ड्रॉ बैक ना घटाए जाने को लेकर एक दिन पहले ही जी बिजनेस ने खबर चलाई थी.
सरकार की तरफ से गोल्ड (Gold) और सिल्वर (Silver) पर ड्यूटी ड्रॉ बैक (Duty Drawback) घटा दिया गया है. गोल्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट पर ड्यूटी ड्रॉ बैक 704.10/ग्राम से घटाकर 335.50/ग्राम कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर सिल्वर ज्वैलरी पर प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी ड्रॉ बैक 8949/किलो से घटाकर 4468.10/किलो कर दिया गया है. बजट में गोल्ड और सिल्वर पर ड्यूटी 9% घटी थी, लेकिन ड्यूटी ड्रॉ बैक नहीं घटाया गया था.
जी बिजनेस की खबर का असर
गोल्ड और सिल्वर पर ड्यूटी ड्रॉ बैक ना घटाए जाने को लेकर एक दिन पहले ही जी बिजनेस ने खबर चलाई थी. अब जी बिजनेस की उस खबर का असर देखा जा रहा है और सरकार ने गोल्ड-सिल्वर पर ड्यूटी ड्रॉ बैक घटा दिया है.
बजट में कितनी घटी थी इंपोर्ट ड्यूटी?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट घोषणा में सोना, चांदी और प्लेटिनम पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 9% की भारी कटौती का ऐलान किया है. सोने-चांदी पर कुल इंपोर्ट ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दिया गया है. वहीं, प्लेटिनम पर कुल इंपोर्ट ड्यूटी 15.4% से घटकर 6.4% हो गया.
क्या है ड्यूटी ड्रॉबैक?
ड्यूटी ड्रॉबैक का मकसद निर्यातकों को आयातित इनपुट पर चुकाए गए सीमा शुल्क की प्रतिपूर्ति करना होता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्यात के लिए टारगेट की गई वस्तुओं पर घरेलू करों का बोझ न पड़े. इन दरों को बजट में सोने और चांदी पर लागू आयात शुल्क में किए गए परिवर्तनों के अनुरूप समायोजित किया गया है.
बजट के वक्त ड्रॉबैक को कम नहीं किया गया था, जिसके चलते एक बेमेल स्थिति पैदा हुई थी. इसकी वजह से सोने और चांदी के आयातकों को कम कीमत पर कीमती धातुएं लाने की अनुमति मिली, लेकिन निर्यात पर अधिक ड्रॉबैक का दावा करना पड़ रहा था. अब उस बेमेल स्थिति को ठीक कर दिया गया है.