WPI Inflation: देशभर में सब्जियों के आसमान छूते दामों के बीच थोक महंगाई में गिरावट दर्ज हुई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए जानकारी दी कि बीते महीने थोक मुद्रास्फीति की दर में 4.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इसके साथ इंडेक्स 8 सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है.

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इसके पहले मई में थोक मुद्रास्फीति दर में 3.48 प्रतिशत की गिरावट आई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति दर में 1.24 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मई में इसमें 1.59 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि हुई थी. ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई जबकि मई में इसमें 9.17 प्रतिशत की कमी आई थी. समीक्षाधीन अवधि में विनिर्मित उत्पादों की थोक मुद्रास्फीति में 2.71 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मई में यह 2.97 प्रतिशत घटी थी.

लेकिन थोक महंगाई घटने की वजह क्या रही?

मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि जून के महीने में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आने का मुख्य कारण खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस और कपड़ों की कीमतों में आई कमी है.

Retail Inflation में आई गिरावट

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापा जाता है, बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मंथ ऑन मंथ बढ़कर 4.81% पर आ गई है. जून CPI 4.25% (मई में) से बढ़कर 4.81% पर पहुंच गया है. सब्जियों की कीमतों में बड़ा उछाल आया है. सब्जियों की महंगाई दर -8.18 पर्सेंट से बढ़कर 0.93% पर पहुंच गई है. खाद्य महंगाई दर 2.96% से बढ़कर 4.49% (MoM) पर पहुंची है.

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