WPI Inflation: जून में कम हुई महंगाई, कौन से आइटम कितने सस्ते हुए, देखिए पूरा इंडेक्स का लेखा-जोखा
WPI Inflation June: थोक महंगाई आधारित इंफ्लेशन में जून के महीने में थोड़ी राहत मिलती हुई दिखी. मई के महीने में 15.88 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर रहने के बाद यह जून में गिरकर 15.18 फीसदी रहा.
WPI Inflation June: थोक महंगाई आधारित इंफ्लेशन से लोगों को जून के महीने में पिछले महीने के मुकाबले थोड़ी राहत मिलती दिख रही है. मुख्य रूप से तेल की कीमतों में कमी आने के कारण WPI Inflation जून में गिरकर 15.18 फीसदी रहा. हालांकि खाने-पीने की चीजों में महंगाई बरकरार रही. थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) आधारित महंगाई पिछले महीने रिकॉर्ड हाई 15.88 फीसदी और पिछले साल जून में 12.07 फीसदी की पर थी. पिछले तीन महीनों से थोक महंगाई दर लगातार बढ़ रही थी, जिसकी रफ्तार जून में आकर थम गई. हालांकि फिर भी यह लगातार 15वें महीने दोहरे अंकों की रफ्तार से बढ़ी है.
फूड आर्टिकल्स में आई तेजी
फूड आर्टिकल्स की बात करें, तो जून में यह 14.39 फीसदी थी, क्योंकि सब्जियों, फलों और आलू की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में तेज वृद्धि देखी गई थी. मई में फूड आर्टिकल्स में WPI 12.34 फीसदी थी.
सब्जियों में मूल्य वृद्धि की दर 56.75 प्रतिशत थी, जबकि आलू और फलों में यह क्रमश: 39.38 और 20.33 प्रतिशत थी.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
किसका रहा क्या हाल
ईंधन और बिजली बास्केट में मुद्रास्फीति 40.38 प्रतिशत थी, जबकि विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में यह क्रमशः 9.19 प्रतिशत और 2.74 प्रतिशत थी. कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति जून में 77.29 फीसदी थी.
खुदरा महंगाई में भी राहत
आरबीआई मुख्य रूप से मौद्रिक नीति (RBI MPC) तैयार करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को देखता है. आरबीआई (RBI) की ब्याज-निर्धारण मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 2-4 अगस्त को है. रिटेल इंफ्लेशन भी लगातार छठे महीने RBI के आराम स्तर से ऊपर रही है. जून में यह 7.01 फीसदी थी.
RBI ने किया ब्याज दरों में इजाफा
तेज रफ्तार से बढ़ रही महंगाई दर पर काबू करने के लिए RBI ने पिछले दो महीनों में ब्याज दरों में 90 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय बैंक ने भी 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 100 बेस प्वाइंट्स से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया.