केंद्र सरकार (Modi Government) की कोशिशों का असर बाजार पर दिखने लगा है. खाने-पीने की चीजों के दाम कम होने से आम आदमी को राहत मिल रही है. अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index Inflation- WPI) में 50 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में होलसेल महंगाई (WPI) 0.33 फीसदी से घटकर 0.16 फीसदी पर रिकॉर्ड की गई है. प्याज, टमाटर और चीनी के दाम कम होने से महंगाई दर में कमी आई है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर पिछले साल 2018 में अक्टूबर महीने में डब्ल्यूपीआई (WPI) की बात करें तो यह दर 5.28 फीसदी थी.

चीनी (Sugar) की महंगाई दर 4.65 फीसदी से घटकर 3.29 फीसदी हो गई है. प्याज (Onion) महंगाई दर 2 फीसदी की कटौती के साथ 122.40 फीसदी से घटकर 119.84 फीसदी पर आ गई हुई. दालों की थोक महंगाई दर भी अक्टूबर में 17.94% से घटकर 16.57% पर आ गई है. हालांकि सब्जियों की थोक महंगाई दर में इजाफा आया है. सब्जियों की महंगाई दर 19.43% से बढ़कर 38.91% पर आ गई है. 

 

खुदरा महंगाई दर में उछाल

थोक महंगाई दर तो कम हुई है, लेकिन खुदरा महंगाई दर (Retail inflation) में तेजी देखने को मिली है. अक्टूबर के दौरान खुदरा महंगाई दर पिछले महीने से बढ़कर 4.62 फीसदी हो गई. सितंबर में यह दर 3.99 फीसदी दर्ज की गई थी. पिछले साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 3.38 फीसदी थी.

 

देखें Zee Business LIVE TV

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) में अक्टूबर में 7.89 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि सितंबर में 5.11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी. सब्जियों, दालों, अंडों, गोश्त और मछली के दाम में इजाफा होने से खाद्य पदार्थो की महंगाई दर में पिछले साल के मुकाबले वृद्धि दर्ज की गई. खाद्य पदार्थो की उपश्रेणी और पेय पदार्थो में इस साल अक्टूबर में पिछले साल के मुकाबले 6.93 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.